- पाकिस्तान में गेहूं की कीमत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए
- मुल्क में गेहूं की कीमत 60 रुपये प्रतिकिलो पर पहुंच गई
- वहां इस साल फरवरी में 85 रूपये में बिकी थी एक किलो चीनी
भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान वैसे तो भारत के खिलाफ सजिशों में मशगूल रहता है वहीं उनके मुल्क के आर्थिक हालात बदतर होते जा रहे हैं जिससे वहां पर महंगाई बेकाबू होती जा रही है, वैसै वहां महंगाई को लेकर समस्या अक्सर ही बनी रहती है मगर इस बार तो हालात ये हो गए हैं वहां गेहूं की कीमत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और यह इतिहास में अब तक की सबसे ज्यादा 60 रुपये प्रतिकिलो (60 rs per kg) पर पहुंच गई।
इन हालातों के बीच पहले ही महंगाई की मार झेल रही जनता बिलबिला उठी है और आक्रोशित जनता कह रही है कि क्या खाएं क्या बचाएं..इस सरकार की गलत नीतियों की वजह से पेट पालना ही मुश्किल हो रहा है।
इमरान सरकार नहीं लगा पा रही दामों पर अंकुश
बताते हैं कि पाक सरकार इसपर काबू पाने की तमाम कोशिशें कर रही है मगर हालत सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं और सरकार तमाम कोशिशों के बाद भी दाम बेकाबू होते जा रहे हैं वैसै पाकिस्तान में महंगाई का इस कदर बेकाबू होना नई बात नहीं है लेकिन इस दफा हालात गंभीर नजर आ रहे हैं क्योंकि आटा-दाल बेसिक हैं जो सभी को चाहिए जिसे उचित मूल्य पर पाकिस्तान सरकार उपलब्ध नहीं करा पा रही है। पिछले साल दिसंबर में देश में हालात बेहद खराब दिखने लगे थे जब गेहूं की कीमत 2000 रुपये प्रति 40 किलो पर पहुंच गई थी मगर इस साल तो यह रेकॉर्ड टूट गया और गेहूं के 40 किलो के गेहूं के कट्टे की कीमत 2400 रुपए है, वहां पहली बार गेहूं की कीमत इस स्तर तक पहुंची है।
चीनी के दाम भी आसमान छू चुके हैं, 85 रूपये में बिकी थी 1 किलो चीनी
इसी साल फरवरी में चीनी (Suger) के दाम आसमान छू रहे थे महंगाई की करारी मार अब चीनी पर पड़ी और देश में एक किलो चीनी 85 पाकिस्तानी रुपये में मिल रही थी। पूरे देश में चीनी के दाम पर काबू पाने के सरकार के तरफ से कोई प्रयास होते नहीं देखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लाहौर में सामान्य क्वालिटी की चीनी खुदरा में 85 रुपये किलो में बिक रही थी। यहां पचास किलो की बोरी कीमत चार हजार रुपये थी। महंगी चीनी की मार से कराची और देश के अन्य शहर भी समान रूप से पीड़ित थे। देश में कहीं भी चीनी की कीमत 70 रुपये किलो से कम नहीं थी।