यूएनएचआरसी से रूस को बाहर कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने माना कि बूचा में जो कुछ हुआ उसमें रूस की सहभागिता थी। इस तरह से अमानवीय हरत को अंजाम देने वाले देश के लिए यूएनएचआरसी में जगह नहीं है। बता दें कि 2023 तक रूस यूएनएचआरसी का सदस्य था। रूस को बाहर करने के लिए 93 देश सामने आए जबकि 24 देश ऐसे थे जो रूस के समर्थन में रहे और मतदान भी किया। रूस का समर्थन करने वाले देशों में चीन का नाम प्रमुख है।
ये 24 देश रूस के समर्थन में उतरे
- कान्गो
- क्यूबा
- नॉर्थ कोरिया
- एरीट्रिया
- इथियोपिया
- अल्जीरिया
- बेलारुस
- बोलीविया
- बुरुंडी
- सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक
- चीन
- गैबन
- सीरिया
- ताजिकिस्तान
- उज्बेकिस्तान
- वियतनाम
- जिम्बॉब्वे
- इरान
- कजाकिस्तान
- कीर्गिस्तान
- लाओस
- माली
- निकारागुआ
- रूस
बूचा पर आरोप- प्रत्यारोप तेज
कीव के उपनगर बूचा में सामुहिक कब्रों के मिलने के बाद रूस पर सवाल उठे कि उसने मानवता को शर्मसार किया है। इस विषय पर आरोप प्रत्यारोप तेज है। यूक्रेन का कहना है कि पुतिन ने मानवता को शर्मसार किया है तो रूस का कहना है कि बूचा में जो कुछ नजर आ रहा है वो नाजीवाद की याद दिलाता है। रूस का हमेशा से मानना रहा है कि सभ्य समाज में या कोई पेशेवर सेना इस तरह के कृत्य नहीं कर सकती है। लेकिन जिस तरह से बूचा के जरिए रूस को बदनाम किया जा रहा है वो सही नहीं है।