- यूएस कैपिटल में ट्रंप समर्थकों ने जमकर फसाद किया, जिसके बाद यहां प्रतिबंध लगा दिए गए हैं
- ट्विटर ने 12 घंटे के लिए राष्ट्रपति का ट्वीट सस्पेंड कर दिया है और उनसे अपने ट्वीट्स हटाने के लिए कहा
- फेसबुक ने भी ट्रंप के पेज के फीचर ब्लॉक किए हैं, जिसकी वजह से वह अभी नया पोस्ट नहीं डाल पाएंगे
वॉशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन की जीत की घोषणा के बाद भी निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी हार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं, जिसका नतीजा यूएस कैपिटल मेंं बवाल के रूप में सामने आया। इसमें एक महिला की मौत की भी सूचना है। हंगामे के बाद वाशिंगटन में जहां लॉकडाउन लगा दिया गया है, वहीं ट्विटर ने ट्रंप के कुछ ट्वीट्स को हटा दिया है और उनका ट्विटर अकाउंट 12 घंटे के लिए सस्पेंड कर दिया है।
ट्विटर ने कहा, 'वॉशिंगटन डीसी में बनी अभूतपूर्व हिंसक स्थिति को देखते हुए हमें लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप को अपने तीन ट्वीट्स हटाने चाहिए। ये ट्वीट्स हमारी 'सिविक इंटेग्रिटी पॉलिसी' का उल्लंघन करते हैं।' माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने यह भी कहा कि अगर ट्रंप अपने ये ट्वीट्स नहीं हटाते हैं तो उनका अकाउंट लॉक ही रहेगा। साथ ही यह चेतावनी भी दी कि अगर ट्रंप ने 'सिविक इंटेग्रिटी पॉलिसी' का फिर से उल्लंघन किया तो उनका अकाउंट हमेशा के लिए भी बंद किया जा सकता है।
ट्रंप ने दोहराया था धांधली का दावा
आरोप है कि डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया के जरिये अपने समर्थकों को जो संदेश दिया, उसकी वजह से ही यहां हिंसा भड़की। ट्रंप के इस संदेश को ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब ने भी हटा दिया है। ट्रंप ने यूएस कैपिटल के पास जमा अपने समर्थकों से घर जाने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने चुनाव में धांधली के अपने दावे को दोहराया था। एक अन्य वीडियो संदेश में भी उन्होंने चुनाव में धांधली के दावे को दोहराया था।
ट्विटर के साथ-साथ फेसबुक ने भी 24 घंटों के लिए ट्रंप के पेज के फीचर ब्लॉक कर दिए हैं, जिसका अर्थ यह है कि वह इस अवधि के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई पोस्ट नहीं डाल पाएंगे। फेसबुक का कहना है कि राष्ट्रपति के पेज पर मौजूद सामग्री से उसकी नीतियों का उल्लंघन होता है। फेसबुक ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति के संदेश से स्थिति के नियंत्रित होने का नहीं, बल्कि बिगड़ने का अंदेशा होता है।
वहीं, यूट्यूब ने भी ट्रंप के वीडियो संदेश को हटा दिया है और कहा है कि उनका वीडियो चुनावी धांधली के बेबुनियाद दावे करता है और यह उसकी नीति के खिलाफ है।