इस्लामाबाद: पाकिस्तान के फैसलाबाद में एक अस्पताल में दो ईसाई नर्सों पर जानलेवा हमला हुआ है। नर्सों का कसूर इतना था कि उन्होंने अस्पताल के वार्ड के अंदर कुरान की आयतों वाले स्टीकरों को हटा दिया था। अस्पताल के अधिकारियों की शिकायत पर दो ईसाई नर्सों (Christian Nurses) के खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा नर्सों पर एक मुस्लिम महिला सहकर्मी पर अश्लील फब्तियां कसने का भी आरोप दर्ज किया गया है।
फैसलाबाद का है मामला
मध्य पंजाब के फैसलाबाद सिविल अस्पताल में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने शुक्रवार को मरियम लाल और न्यूश अरोज के रूप में पहचाने जाने वाले ईसाई नर्सों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विरोध करने वालों में मौलवी थे जो दोनों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक लाल और अरोज पर मनोरोगी वार्ड की पुरानी दीवार से इस्लामिक आयात से संबंधित स्टीकर हटाने का आरोप है। दोनों के खिलाफ उप चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मोहम्मद अली की शिकायत पर शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया।
ईशनिंदा के तहत मामला
अस्पताल के कर्मियों ने नर्सों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। कुछ प्रदर्शनकारियों ने इनमें से एक नर्स को अपने कब्जे में लेने के लिये अस्पताल में खड़े पुलिस वाहन पर हमला कर दिया। यहां मौजूद लोगों को उकसाया गया। वकास के रूप में पहचाने जाने वाले एक फ़ार्मेसी कर्मी ने बाद में स्पताल के मेडिकल वार्ड में एक मरीज के साथ जाने के दौरान नर्स लाल पर चाकू से हमला किया। इस दौरान नर्स की बांह में चोट आ गई और किसी तरह उसने अपनी जान बचाई।
भीड ने किया हमला
अस्पताल प्रशासन ने पुलिस की मदद से तुरंत नर्स को बचाया और उसे एक सुरक्षित स्थान पर ले गए। बड़ी संख्या में लोगों ने दोनों नर्सों को पकड़ने की कोशिश की। इस दौरान भीड़ नारेबाजी करने लगी और दोनो के लिए मौत की सजा की मांग करने लगी। आपको बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिन्दा के झूठे आरोप आम हैं और ये अक्सर व्यक्तिगत प्रतिशोध से प्रेरित होते हैं।