लंदन : कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के खिलाफ दुनियाभर में वैक्सीन को लेकर जारी जद्दोजहद के बीच ब्रिटेन ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही ब्रिटेन ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश हो गया है। यह फैसला ऐसे समय में सामने आया है, जबकि ब्रिटेन में कोरोना वायरस संक्रमण के नए स्ट्रेन के मिलने के बाद दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार को कहा गया कि सरकार ने औषधि एवं स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी (MHRA) की अनुशंसा स्वीकार कर ली, जिसमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी देने की बात कही गई थी।
क्या कोविड-19 के नए स्ट्रेन पर काम करेगा यह वैक्सीन?
यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जबकि ब्रिटेन में हाल ही में कोविड-19 का नया स्ट्रेन सामने आया है, जिसे अधिक घातक और संक्रामक बताया जा रहा है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि वैक्सीन इस कोविड-19 के इस नए स्ट्रेन पर काम करेगा या नहीं। हालांकि एस्ट्राजेनेका और दुनियाभर में कोविड-19 से बचाव को लेकर वैक्सीन बनाने में जुटी अन्य फार्मा कंपनियों का कहना है कि टीका कोविड-19 के नए स्ट्रेन पर भी काम करेगा।
भारत में भी कोविड-19 के नए स्ट्रेन के कई मामले सामने आए है, जिसके बाद इसे लेकर चिंता जताई जा रही है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वह कोविड-19 के इस नए स्ट्रेन का संक्रमण रोकने के लिए सभी एहतियाती उपाय कर रहा है। इस बारे में पूछे जाने पर कि कोविड-19 से बचाव के लिए विकसित किए जा रहे टीकों का असर क्या कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी होगा, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर विजय राघवन ने मंगलवार को इससे सहमति जताई थी।