- जब से युद्ध शुरू हुआ है उसी वक्त से इस घोस्ट पॉयलट की कहानियां चर्चित हो रही थी।
- वायुसेना के अनुसार ताराबल्का एक असली पायलट थे।
- घोस्ट ऑफ कीव की रचना यूक्रेन के लोगों की कल्पना है।
Russia-Ukraine war:यूक्रेन में सोशल मीडिया पर 'घोस्ट ऑफ कीव' के नाम से मशहूर एक लड़ाकू पायलट के किस्से कुछ और नहीं बल्कि काल्पनिक कहानियां हैं। यूक्रेन की वायु सेना ने इसका खुलासा किया है। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से इस पायलट के किस्से सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हो गए थे और ऐसा दावा किया जा रहा था कि इस जांबाज पायलट ने कई रूसी विमानों को मार गिराया है।
कई तरह की कहानियां हो रही थीं लोकप्रिय
असल में जब से युद्ध शुरू हुआ है उसकी वक्त से इस घोस्ट पॉयलट की कहानियां चर्चित हो रही थी। हालांकि अब इस कहानी का सच सामने आ गया है। यूक्रेन के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि पायलट से जुड़ी सभी कहानियां मनगढ़ंत हैं। इसके लिए यूक्रेन की वायु सेना ने फेसबुक पर बकायदा जानकारी पोस्ट की है। उसका कहना है कि घोस्ट ऑफ कीव की रचना यूक्रेन के लोगों की कल्पना है। मीडिया की कई खबरों में मेजर स्टेपन ताराबल्का की पहचान इस पायलट के तौर पर करने के बाद सेना ने यह बयान जारी कर सफाई दी है।
13 मार्च को हुआ था निधन
वायुसेना के अनुसार ताराबल्का एक असली पायलट थे, जिनका निधन 13 मार्च को युद्ध के मैदान में हो गया था। मरणोपरांत उन्हें यूक्रेन के हीरो की उपाधि से सम्मानित किया गया था। वह घोस्ट ऑफ कीव नहीं थे। यूक्रेन के वायु सेना ने ट्विटर पर एक अन्य बयान में कहा कीव में घोस्ट ऑफ कीव के निधन की खबर गलत है। घोस्ट ऑफ कीव एक टैक्टिकल एविएशन ब्रिगेड के पायलटों की सामूहिक भावना का प्रतीक है, जो सफलतापूर्वक कीव और क्षेत्र की रक्षा कर रहे हैं।