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यूक्रेन से हार जाएगा रूस ! HIMARS रॉकेट सिस्टम और इस रणनीति ने पलटी बाजी

Updated Sep 13, 2022 | 15:37 IST

Ukraine-Russia War: ग्लोबल फायर पॉवर इंडेक्स के अनुसार, यूक्रेन दुनिया में 22 वें नंबर की सैन्य क्षमता वाला देश है। जबकि रूस उससे कहीं मजबूत नंबर-2 पर मौजूद है। इसके बावजूद युद्ध के लंबा खिंचने की बड़ी वजह, यूक्रेन को नॉटो देशों का समर्थन मिलना है। जिसमें ड्रोन से लेकर दूसरे आधुनिक हथियार यूक्रेन के बेहद काम आ रहे हैं।

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पुतिन पर भारी पड़ रहे हैं जेलेंस्की !
मुख्य बातें
  • यूक्रेन को अमेरिका से घातक फीनिक्स घोस्ट ड्रोन ,बेयरेकतार टीबी-2 ड्रोन, स्विचब्लेड ड्रोन मिल चुके हैं।
  •  HIMARS M-142 एक हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम है।
  • खारकीव की इमारतों पर फिर से यूक्रेन के झंडे लहरा रहे हैं। और सड़कों पर रूस के जले हुए टैंक पड़े  हुए हैं।

Ukraine-Russia War: करीब साढ़े छह महीने पहले (24 फरवरी ) को जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। तो सबने यही सोचा था कि रूस जैसी महाशक्ति के आगे यूक्रेन जैसा छोटा देश 3-4 दिनों में घुटने टेक देगा। और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन क्रीमिया की तरह यूक्रेन पर भी कब्जा कर लेगा। शुरूआत में युद्ध इसी दिशा में आगे बढ़ रहा था। और रूस ने दोनेत्स्क, लुहांस्क के इलाके को स्वतंत्र देश के रूप में घोषित कर दिया था। लेकिन न तो युद्ध 3-4 दिन में खत्म हुआ और न ही रूस अभी तक यूक्रेन को जीत पाया है। और अब यूक्रेन के तरफ से चौंकाने वाले दावे किए जा रहे हैं। उसके अनुसार यूक्रेन ने बाजी पलट दी है। और राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि सितंबर में यूक्रेन ने रूस से 6000 वर्ग किलोमीटर की जमीन वापस ले ली है।

इमारतों पर लहरा रहे हैं यूक्रेन के झंडे

न्यूज एजेंसी एपी के अनुसार यूक्रेन के प्रमुख शहर खारकीव की इमारतों पर फिर से यूक्रेन के झंडे लहरा रहे हैं। और सड़कों पर रूस के जले हुए टैंक पड़े  हुए हैं। इस बीच ब्रिटिश खुफिया एजेंसी का दावा है कि मॉस्को के प्रमुख बलों में से एक, फर्स्ट गार्ड टैंक सेना, इस युद्ध में बुरी तरह से कमजोर साबित हुई है। यही नहीं नॉटो का मुकाबला करने के लिए डिजाइन की गई रूस की पारंपरिक सेना भी बेहद कमजोर हो गई है। रूस को दोबारा इस स्तर तक पहुंचने में वर्षों लग जाएंगे। यूक्रेन सैन्य खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि रूसी सैनिक सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण कर रहे है। यूक्रेन के इस दावे को रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक मानचित्र में स्वीकार किया गया है। उसके अनुसार रूसी सीमा पर इस तरह का दवाब दिख रहा है। और सैनिक कुछ इलाकों से पीछे हटे हैं।

यूक्रेन को नॉटो से मिल रही है ताकत

अगर सैन्य क्षमता को देखा जाय तो ग्लोबल फायर पॉवर इंडेक्स के अनुसार, यूक्रेन दुनिया में 22 वें नंबर की सैन्य क्षमता वाला देश है। जबकि रूस उससे कहीं मजबूत नंबर-2 पर मौजूद है। इसके बावजूद युद्ध के लंबा खिंचने की बड़ी वजह, यूक्रेन को नॉटो देशों का समर्थन मिलना है। जिसमें वह यूक्रेन को लगातार हथियारों की सप्लाई कर रहे हैं। इसमें ड्रोन से लेकर दूसरे आधुनिक हथियार यूक्रेन के बेहद काम आ रहे हैं।

इस लड़ाई के शुरूआती दौर में यूक्रेन को अमेरिका से घातक फीनिक्स घोस्ट ड्रोन ,बेयरेकतार टीबी-2 ड्रोन, स्विचब्लेड ड्रोन ने रूस के टैंक और विमान को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया है। नॉटो द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, नॉटो के देश यूक्रेन को हथियार, गोला-बारूद, एंटी टैंक और एंटी एयर सिस्टम, हॉवित्जर और ड्रोन की सप्लाई की जा रही है। लेकिन इस युद्ध में निर्णयाक मोड़ लाने की दावा  HIMARS M-142 रॉकेट सिस्टम की हो रही है। जिसने युद्ध की बाजी पलट दी है। 

क्या है  HIMARS M-142

जुलाई में यूक्रेन ने कहा था कि उसने HIMARS M-142 रॉकेट सिस्टम प्राप्त करने के बाद से 50 रूसी गोला बारूद डिपो को नष्ट किया है। यही नहीं खारकीव और इजियूम में यूक्रेनी सेना को मिली बढ़त HIMARS M-142 एक बड़ी वजह बना है। यूएस आर्मी एक्वीजिशन सपोर्ट सिस्टम के अनुसार  HIMARS M-142 एक हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम  है। जो  एक लाइट मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर है । जो कि सभी मौसम में हमले करने के लिए अनुकूल है। जो हथियारों के साथ 35800 पाउंड का वजन ले जा सकती है।

  • 483 किलोमीटर दूरी तक कर सकती है हमला
  • 94 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से करती है हमला
  • यूएस डिपॉर्टमेंट डिफेंस के अनुसार अमेरिका ने जुलाई में यूक्रेन को 16 HIMARS M-142 देने का फैसला किया था।
  • इसके अलावा उसने 580 फीनिक्स घोस्ट ड्रोन देने का भी फैसला किया था।

स्रोत:USAASC

गुरिल्ला युद्ध आया काम

यूक्रेन ने रूसी सेना को रोकने के लिए गुरिल्ला रणनीति अपना रखी है।राजधानी कीव समेत दूसरे शहरों में रूसी सेना से युद्ध के लिए सेना के साथ-साथ आम लोगों को भी हथियार दिए गए। खुद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने घरों के अंदर से रूसी सेना पर हमला करने को कहा। महिलाएं भी युद्ध के मैदान में रूस की सेना के सामने डट  गई । यूक्रेन के सांसद, शहरों के मेयर,सेलिब्रेटी से आम आदमी तक हथियार लेकर मैदान में उतर गए । और इन सबका असर अब दिख रहा है।