- पहले राफेल लड़ाकू विमान को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस में जाकर प्राप्त किया है
- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पड़ोसी देश पाकिस्तान पर तंज कसते हुए खिंचाई की है
- भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया था, पहला विमान अब भारत को सौंप दिया गया है
नई दिल्ली: फ्रांस से भारतीय वायुसेना के लिए खरीदे गए पहले राफेल लड़ाकू विमान को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस में जाकर प्राप्त किया है।इस डील को लेकर भारत में खासी खुशी हैं वहीं इसको लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पड़ोसी देश पाकिस्तान पर तंज कसा है।
गौरतलब है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को भारतीय वायुसेना के लिए खरीदे गए पहले राफेल लड़ाकू विमान को प्राप्त किया और इसके बाद इसमें सवार होकर उड़ान भी भरी।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा-आज राफेल पर ऊं लिखाने के साथ वह भारतीय विमान बेड़े में शामिल हो गया है, अब पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह इससे पहला गोला कब खाएगा?
भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया था और इसी के तहत पहला विमान 08 अक्टूबर को भारत को सौंप दिया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसी के लिए फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर गए हैं। फ्रांस के बोर्डो में एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने डसॉल्ट एविएशन से पहले राफेल लड़ाकू विमान को लिया।
शस्त्र पूजा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल लड़ाकू विमान को टीका लगाया और इसकी पूजा की। साथ ही इस दौरान राफेल के पहियो के नीचे नीबू रखे गए और फूल चढ़ाए गए। इसके बाद रक्षा मंत्री पहले भारतीय राफेल के कॉकपिट में सवार होकर उड़ान भी भरी।
इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा, 'मुझे खुशी है कि राफेल विमानों की डिलीवरी तय समय पर हो रही है। हमारी वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर वायुसेना है और मुझे विश्वास है कि इससे हमारी वायु सेना में और मजबूती आएगी। मैं चाहता हूं कि हमारे दो प्रमुख लोकतंत्रों के बीच सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़े।'
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रों से मुलाकात की तथा दोनों देशों के रक्षा एवं रणनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाने के बारे में चर्चा की। फ्रांस के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में उनसे मुलाकात के दौरान सिंह ने फ्रांस को भारत का 'महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार' बताया।
रक्षा मंत्रालय ने इस मुलाकात को 'बहुत गर्मजोशी से भरी और फलदायी' बताया। बैठक करीब 35 मिनट चली। इसके बाद मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया, 'यह बैठक दर्शाती है कि भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय साझेदारी कितनी गहरी है, खासकर रक्षा क्षेत्र में और हाल के वर्षों में यह उल्लेखनीय रूप से सुदृढ़ हुई है। दोनों नेताओं ने इन संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया।'