- 4 दशकों में पहली बार UNSC ने यूक्रेन पर UNGA में एक आपातकालीन विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया
- 15 सदस्य देशों में से 11 ने इसके पक्ष में मतदान किया जबकि केवल रूस ने इसके खिलाफ मतदान किया
- चीन, भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने भाग नहीं लिया
रूस पर यूक्रेन के हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) का विशेष सत्र बुलाया गया है। ये बैठक आज रात होगी, जिसमें यूक्रेन में युद्ध के हालात पर चर्चा की जाएगी और इसे रोकने के लिए रणनीति पर मंथन होगा। यूक्रेन में जारी जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक हुई, जिसमें महासभा का विशेष सत्र बुलाने के प्रस्ताव पर वोटिंग कराई गई। 11 देशों ने बैठक बुलाने के प्रस्ताव का समर्थन किया जबकि रूस ने इसका विरोध किया। भारत, चीन और UAE वोटिंग में शामिल नहीं हुए। भारत ने यूक्रेन के हालात पर तत्काल तनाव को कम करने की अपील की। UNSC में भारत के स्थायी प्रतिनिध टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत इस मसले पर शांति से और बातचीत के जरिए समाधान के पक्ष में है।
टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि ये बेहद दुख की बात है कि जो यूक्रेन के हालात हैं और भी खराब हो गए हैं। हमने इस पर पिछली बार बात की थी। हम चाहते हैं कि वहां पर हिंसा ना हो और लोगों को वापस आने में दिक्कत ना हो और एक बार फिर कूटनीति और बातचीत का सिलसिला शुरू हो। हमारे प्रधानमंत्री ने रूस के नेतृत्व से बात की है, दोनों देशों को बेलारूस सीमा पर बातचीत करना चाहिए। हमें उन सभी देशवासियों की चिंता है जो वहां फसे हुए हैं जिसमें छात्र भारी तादाद में शामिल हैं। हमें ऐसे हालात में बॉर्डर से अपने लोगों को निकालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इन सभी बातों पर गौर करने की जरूरत है।
यूएनएससी की बैठक में यूएनजीए का विशेष सत्र बुलाने के प्रस्ताव पर जिन देशों ने वोट किए उनमें अमेरिका, घाना, ब्रिटेन, गैबॉन, फ्रांस, अल्बानिया, ब्राजील, नॉर्वे, मैक्सिको, आयरलैंड और केन्या शामिल हैं, जबकि इस प्रस्ताव के खिलाफ में रूस ने वोट किया। वहीं भारत, चीन और यूएई ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
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UNSC में क्या बोला रूस
यूएनएससी की बैठक में रूसी संघ के प्रतिनिधि ने कहा कि रूसी संघ ने मसौदा प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है। यूएनएससी अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के रखरखाव के लिए अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी का प्रयोग करने में विफल रहा है। हमने परिषद में एक रचनात्मक समाधान तक पहुंचने के प्रयास में एक संकेत भी नहीं देखा और फिर भी 2 दिन पहले हमने विशेष रूप से इस कारण से एक मसौदे को अवरुद्ध कर दिया क्योंकि यह एकतरफा और असंतुलित दोनों था। हमने तब से कोई नई पहल नहीं देखी है। रूसी सेना यूक्रेन में नागरिकों को धमकी नहीं देती है, वे नागरिक बुनियादी ढांचे पर गोलाबारी नहीं कर रहे हैं। नागरिकों के लिए खतरा अब यूक्रेनी राष्ट्रवादियों द्वारा उत्पन्न किया गया है जिन्होंने मानव ढाल के रूप में उपयोग करने के लिए बंधकों को प्रभावी ढंग से जब्त कर लिया है।