वाशिंगटन : अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स से वह प्रस्ताव पारित हो गया है, जिसमें उपराष्ट्रपति माइक पेंस से अपील की गई थी कि वह संविधान के 25वें संशोधन के तहत डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने के लिए पहल करें और 20 जनवरी को जो बाइडन की अगुवाई में बनने जा रही अगली सरकार के कार्यभार संभालने तक खुद राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालें। इस प्रस्ताव के पारित हो जाने के बाद अब सभी की नजरें माइक पेंस पर टिकी हैं कि उनकी अगला कदम क्या होगा?
माइक पेंस पहले ही इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं करने की बात कह चुके हैं। उन्होंने इस संबंध में हाउस ऑफ रिप्रजेंटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी को पत्र भी लिखा था और साफ कहा था कि वह राष्ट्रपति ट्रंप को हटाने के लिए इस प्रक्रिया के इस्तेमाल में पक्ष में नहीं हैं। हालांकि उपराष्ट्रपति के इनकार के बावजूद इस आशय का एक प्रस्ताव डेमोक्रेट्स के बहुमत वाले अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन में लाया गया, जिसे अब पारित कर दिया गया है। यह देखना होगा कि इस प्रस्ताव के पारित हो जाने के बाद पेंस का अगला कदम क्या होता है और क्या वह ट्रंप को राष्ट्रपति के अधिकारों से वंचित कर खुद यह जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार होते हैं?
क्या है ट्रंप के खिलाफ लाया गया प्रस्ताव?
डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति के अधिकारों से वंचित करने के लिए हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में यह प्रस्ताव 205 के मुकाबले 223 मतों से पारित हुआ। इस बीच कई रिपब्लिकन्स भी ट्रंप के खिलाफ आते नजर आ रहे हैं, जिनमें प्रतिनिधि सभा में वरिष्ठ रिपब्लिकन सदस्य लिज चेनी भी शामिल हैं। अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति डिक चेनी की बेटी लिज चेनी ने यहां तक कहा कि अगर ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जाता है तो वह उसका समर्थन करेंगी। यूएस कैपिटल हिंसा के बाद कई रिपब्लिकन नेताओं ने खुलकर राष्ट्रपति की निंदा की है। यहां तक कि व्हाइट हाउस के कई अधिकारी भी उनसे दूरी बरतते नजर आ रहे हैं, जिनकी नियुक्ति खुद ट्रंप ने की थी।
क्या है 25वां संशोधन?
यहां उल्लेखनीय है कि अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन के तहत राष्ट्रपति की कैबिनेट को उन्हें पद से हटाने का अधिकार होता है। ऐसा तब होता है जब राष्ट्रपति शारीरिक या मानसिक बीमारी के कारण अपने पद की जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ हो। इसमें उपराष्ट्रपति को कैबिनेट के बहुमत के साथ मिलकर राष्ट्रपति को पद से अयोग्य घोषित करने का अधिकार होता है और अगली सरकार बनने तक वह खुद राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालते हैं। इसके लिए उपराष्ट्रपति को संसद अध्यक्ष और ऊपरी सदन सीनेट के पीठासीन अधिकारी को पत्र लिखकर बताना होता है कि राष्ट्रपति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए योग्य नहीं हैं।