- कोविड-19 का पहला मामला चीन में नवंबर 2019 में सामने आया था
- देखते ही देखते इसने पूरी दुनिया में वैश्विक महामारी की शक्ल ले ली
- कोरोना वायरस संक्रमण की उत्पत्ति के बारे में आज तक पता नहीं चल पाया
वाशिंगटन : कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए दुनियाभर में कई वैक्सीन आ चुकी है और वैज्ञानिक लगातार इस दिशा में अपना प्रयास जारी रखे हुए हैं। बच्चों के वैक्सीन को लेकर भी तेजी से काम हुआ है, लेकिन वैज्ञानिक आज तक इस बात का ठीक-ठीक पता नहीं लगा सके हैं कि आखिर यह जानलेवा वायरस इंसानों में पहुंचा कैसे, जिसने देखते ही देखते पूरी दुनिया में तबाही मचा दी? कोशिशें अब भी जारी हैं, लेकिन इस बीच अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने ऐसा लगता है कि इस दिशा में अपने हथियार डाल दिए हैं कि आखिर यह वायरस कहां से आया?
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने शुक्रवार को कहा कि वे संभवत: कभी Covid-19 की उत्पत्ति का पता लगा पाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। खुफिया एजेंसियों ने यह बात ऐसे वक्त में कही है, जबकि उन्होंने इस बारे में एक विस्तृत समीक्षा रिपोर्ट सामने रखी है कि कोरोना वायरस का संक्रमण पशुओं से इंसानों में फैला या फिर यह किसी प्रयोगशाला से लीक हुआ।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑफिस ऑफ द यूएस डायरेक्टर आफप्फ नेशनल इंटेलिजेंस (ODNI) की ओर से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि SARS-COV-2 ने सबसे पहले इंसानों को किस तरह संक्रमित किया, इसे लेकर वायरस की प्राकृतिक उत्पत्ति और एक प्रयोगशाला से लीक, दोनों परिकल्पनाएं एक जैसी मालूम पड़ती हैं।
कयासों को किया खारिज
कोरोना वायरस की उत्पत्ति प्राकृतिक तौर पर हुई या फिर यह प्रयोगशाला से लीक हुआ, इसमें किसकी संभावना सबसे अधिक है और क्या इसे लेकर किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है? इस बारे में कहा गया है कि विश्लेषकों की इस पर अलग-अलग राय है।
रिपोर्ट में कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर उन कयासों को खारिज किया गया है, जिसके मुताबिक, यह जैविक हथियार के रूप में अस्तित्व में आया। इसमें कहा गया है कि इस तरह की बातें कहने वालों की सीधी पहुंच 'वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी' तक नहीं है, लिहाजा इस तरह की बातें कर वे इस मसले पर दुष्प्रचार ही कर रहे हैं।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति के संबंध में शुक्रवार को सामने आई अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट उसी 90 दिवसीय समीक्षा का अपडेट है, जिसे राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने अगस्त में जारी किया था। यह रिपोर्ट वैश्विक महामारी को लेकर चीन को जवाबदेह ठहराए जाने को लेकर जारी सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच जारी की गई थी।
ट्रंप ने लगाए थे गंभीर आरोप
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वैश्विक महामारी के लिए सीधे तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। उन्होंने इसे 'चाइनीज वायरस' तक कहा था और आरोप लगाया था कि चीन ने समय रहते दुनिया को इस बारे में नहीं बताया, जिसके कारण बचाव के इंतजाम नहीं किए जा सके।
ODNI की रिपोर्ट में कहा गया है कि चार अमेरिकी खुफिया एजेंसियां और एक मल्टी-एजेंसी निकाय को इसे लेकर 'कम भरोसा' है कि COVID-19 एक संक्रमित जानवर या संबंधित वायरस से उत्पन्न हुआ। लेकिन एक एजेंसी ने कहा है कि उसे इस बात को लेकर 'मध्यम भरोसा' है कि इंसानों में COVID-19 के संक्रमण का जो पहला मामला सामने आया, वह प्रयोगशाला में किसी लीक का नतीजा था। इसमें वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की भूमिका हो सकती है, जहां कई तरह के प्रयोग किए जाते हैं।