- अमेरिका के एक खुफिया अधिकारी ने चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर आगाह किया है
- माइकल स्टडमैन का कहना है कि उपग्रहों को निशाना बनाने के लिए हथियार बना रहा चीन
- चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर सवाल उठाते हुए पहले भी कई रिपोर्टें आ चुकी हैं
नई दिल्ली : दुनिया पर अपनी धौंस जमाने और अकड़ दिखाने के लिए चीन अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने में जुटा हुआ है। अमेरिका के एक खुफिया अधिकारी का कहना है कि चीन 'स्पेस वार' की तैयारी में जुटा है। वह अंतरिक्ष में उपग्रहों को निशाना बनाने एवं उन्हें नष्ट करने के लिए आधुनिक तकनीक विकसित कर रहा है। रिपोर्टों के मुताबिक अमेरिकी खुफिया अधिकारी रियर एडमिरल माइकल स्टडमैन ने पिछले सप्ताह एक खुफिया-सुरक्षा समूह को संबोधित करते हुए दुनिया को यह चेतावनी दी।
चीन की इस नई 'चालबाजी' पर रियर एडमिरल ने चेताया
वेबिनॉर के जरिए हुए इस कार्यक्रम में स्टडमैन ने कहा कि चीन ऐसे आधुनिक हथियारों को निर्माण कर रहा है जो चक्कर लगा रहे उपग्रहों को जाम हैं और उन्हें नष्ट कर सकते हैं। वह इन हथियारों का निर्माण तेजी से कर रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक स्टडमैन ने अपने बयान में कहा, 'वे अमेरिका की अंतरिक्ष क्षमताओं को देखते और आंकलन करते हैं। उनकी मंशा अंतरिक्ष के क्षेत्र में अमेरिका की बराबरी करने और उससे आगे निकलने की है। अपनी इस चाहत और लक्ष्य को पाने के लिए वे लगातार काम कर रहे हैं।' अमेरिकी उपग्रहों को निशाना बनाने के लिए चीन की ओर से हथियार विकसित किए जाने के मामले में खुफिया अधिकारी की यह सबसे ताजा चेतावनी है।
तिआंगांग अंतरिक्ष स्टेशन अमेरिका के लिए खतरा
गत अप्रैल में नेशनल इंटेलिजेंस के डाइरेक्टर ने एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन का तिआंगांग अंतरिक्ष स्टेशन निचली कक्षा में अमेरिका के लिए एक खतरा बन गया है। इस स्पेस स्टेशन के जरिए चीन उसी तरह की सैन्य एवं आर्थिक लाभ पाना चाहता है जैसा कि अंतरिक्ष क्षेत्र की अगुवाई करते हुए अमेरिका हासिल कर चुका है। रिपोर्ट में कहा गया कि आने वाले दिनों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपने इस अंतरिक्ष स्टेशन की तकनीकी क्षमताएं बढ़ाएगी। चीन सैन्य संचार क्षेत्र में अमेरिका को मिली बढ़त को कमजोर करना चाहता है।
चीन ने जमीन पर एएसएटी मिसाइलों को तैनात किया
रिपोर्ट में आगे यह भी बताया गया कि अमेरिकी उपग्रहों को नष्ट करने अथवा उन्हें इंटरसेप्ट करने के लिए चीन किस तरह के हथियार विकसित करने के बारे में सोच रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, 'एलईओ में उपग्रहों को नष्ट करने के लिए चीन पहले ही जमीन पर एएसएटी मिसाइलों को तैनात किया है।' चीन की तरफ से अंतरिक्ष क्षेत्र में मिल रही चुनौतियों एवं भविष्य 'स्पेस वार' को देखते हुए अमेरिका ने अपनी तैयारी पहले से शुरू कर दी है। ट्रंप प्रशासन ने यूएस स्पेस फोर्स सर्विस की शुरुआत की है। यह फोर्स उपग्रह से होने वाले हमलों को नाकाम करने के लिए हथियार विकसित कर रही है।