वाशिंगटन : सऊदी पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या मामले में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के जारी होने के बाद बाइडन प्रशासन पर सऊदी क्राउन प्रिंस के खिलाफ एक्शन लेने का दबाव बढ़ता जा रहा है, जिसमें खाशोज्जी की हत्या को लेकर सऊदी अरब के युवराज पर उंगली उठाई गई है।
अमेरिकी इंटेलीजेंस की वह रिपोर्ट बीते सप्ताह शुक्रवार को जारी हुई थी, जिसमें कहा गया था कि क्राउन प्रिंस ने निर्वासन में रह रहे सऊदी पत्रकार जमाल खाशोज्जी को लेकर उस योजना को मंजूरी दी थी, जिसमें उन्हें जिंदा पकड़ने या जान से मारने की बात शामिल थी। इसके बाद अमेरिका में अब सऊदी क्राउन प्रिंस को प्रतिबंधित करने के लिए विधेयक लाया गया है।
डेमोक्रेट सांसद ने क्या कहा?
सऊदी क्राउन प्रिंस को बैन करने के लिए यह विधेयक इल्हान उमर लेकर आई हैं, जो मिनेसोटा से डेमोक्रेट सांसद हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, 'यह अगर अमेरिका वास्तव में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतंत्र और मानवाधिकारों का समर्थन करता है तो मोहम्मद बिन सलमान को प्रतिबंधित नहीं किए जाने की कोई वजह नहीं है, जिनके बारे में हमारी अपनी ही खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने अमेरिका में रह रहे सऊदी पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या से जुड़ी साजिश को मंजूरी दी थी। यह मानवता को लेकर हमारी परीक्षा भी है।'
यहां गौरतलब है कि सऊदी पत्रकार की हत्या मामले में क्राउन प्रिंस को लेकर इस तरह की बातें पहले भी सामने आ चुकी हैं, लेकिन यह पहली बार है, जब आधिकारिक तौर पर यह रिपोर्ट जारी की गई है। इससे पहले ट्रंप प्रशासन में ऐसी रिपोर्ट्स को बाहर नहीं आने दिया गया था। ऐसे में लंबे समय से अमेरिका के करीबी रहे सऊदी अरब से उसके रिश्तों को लेकर भी कई कयास लगाए जा रहे हैं।
अक्टूबर 2018 में हुई थी खाशोज्जी की हत्या
यहां गौरतलब है कि सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या 2 अक्टूबर, 2018 को कर दी गई थी, जब वे तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्यदूतावास में अपनी पूर्व पत्नी अला नासिफ से तलाक से जुड़े कागजात लेने गए थे, ताकि वह अपनी मंगेतर हैटिस केंगिज ने निकाह कर सकें। लेकिन दूतावास में दाखिल होने के बाद खाशोज्जी के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका और बाद में उनकी हत्या की जानकारी सामने आई थी।