वाशिंगटन : अमेरिका की संसद ने सहयोगी अटॉर्नी जनरल के पद के लिए भारतीय मूल की अमेरिकी वनीता गुप्ता के नाम की पुष्टि की है, जिसके बाद वह पहली अश्वेत व्यक्ति बन गई हैं जो न्याय मंत्रालय में तीसरे सबसे बड़े पद पर काबिज होंगी।
सीनेट में गुप्ता के पक्ष में 51 वोट पड़े जबकि 49 सांसदों ने उनके खिलाफ मत डाले। रिपब्लिकन सीनेटर लीजा मुरकोवस्की ने खुद को अपनी पार्टी के रुख से अलग करते हुए गुप्ता का समर्थन में वोट किया। इससे डेमोक्रेट्स के पक्ष में 51 मत हो गए और ऐतिहासिक रूप से गुप्ता के नाम की पुष्टि हुई।
बराबर मत पड़ने की सूरत में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस अपना वोट डालने के लिए सीनेट में मौजूद थीं। अमेरिका में 100 सदस्यीय सीनेट में दोनों पार्टियों के 50-50 सदस्य हैं।
इतिहास रचने के लिए बधाई
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, 'सहयोगी अटॉर्नी जनरल के तौर पर सेवा देने के लिए पहली अश्वेत महिला के रूप में इतिहास रचने के लिए वनीता गुप्ता को बधाई। अब, मैं सीनेट से क्रिस्टन क्लार्क के नाम की भी पुष्टि करने की अपील करता हूं। दोनों बेहद योग्य हैं, अति सम्मानित वकील हैं जो नस्ली समानता एवं न्याय को बेहतर बनाने के प्रति समर्पित हैं।'
गुप्ता पहली नागरिक अधिकार वकील भी हैं जो न्याय मंत्रालय के शीर्ष तीन पदों में से एक पर सेवा देंगी। सीनेट के प्रमुख नेता चक शूमर ने गुप्ता के नाम की पुष्टि में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, 'वह हमारी संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसी में लंबे समय से अपेक्षित नजरिया लाएंगी।'