- अमेरिका ने चीन के साथ तीन करार खत्म कर दिए हैं
- हॉन्ग कॉन्ग की आजादी के मसले पर यह कदम उठाया गया है
- चीन ने हॉन्ग कॉन्ग में पिछले माह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया
वाशिंगटन : हॉन्गकॉन्ग में लोगों की स्वतंत्रता के दमन से नाराज अमेरिका ने चीन को बड़ा झटका देते हुए एक साथ तीन समझौतों को सस्पेंड कर दिया है। अमेरिका के इस फैसले को जहां चीन के लिए बड़ा झटका माना जार हा है, वहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इससे अंतत: अमेरिका के व्यावसायिक हितों को फायदा मिलेगा।
राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को कहा, 'हमने हॉन्गकॉन्ग को हर तरह के इंसेंटिव दिए, ताकि वहां स्वतंत्रता बरकरार रह सके। इससे हॉन्कॉन्ग को विकसित होने में मदद मिली, लेकिन चीन ने अब वहां के लोगों की स्वतंत्रता खत्म कर दी है और अमेरिका उन्हें और कोई इंसेंटिव नहीं देने जा रहा।' उन्होंने यह भी कहा कि जो बिजनेस पूर्व में चीन में था, वह अब अमेरिका में आएगा।
हॉन्ग कॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
चीन ने पिछले महीने हॉन्गकॉन्ग में नेशनल सिक्योरिटी लॉ लागू किया था। यह 1 जुलाई से प्रभाव में आया है। इसे हॉन्ग कॉन्ग के लोगों की आजादी को खत्म करने का बड़ा हथियार माना जा रहा है। इसके तहत अलगाववादी, विध्वंसात्मक, आतंकी, विदेशी हस्तक्षेप जैसी गतिविधियों को ऐसे अपराधों की श्रेणी में रखा गया है, जिसमें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
चीन ने हॉन्ग कॉन्ग में यह कानून ब्रिटिश शासकों द्वारा उसे इस प्रदेश को सौंपे जाने के 23 साल बाद लागू किया है। ब्रिटेन ने 1997 में जिस बेसिक लॉ करार के तहत हॉन्ग कॉन्ग को चीन को सौंपा था, उसे 'एक देश, दो प्रणाली' भी कहा जाता है और इसके तहत यहां लोगों एकजुट होकर विरोध-प्रदर्शन, अभिव्यक्ति की आजादी सहित कई ऐसे अधिकार दिए गए, जो चीन के अन्य हिस्सों में लोगों के पास नहीं हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रतिक्रिया
हॉन्ग कॉन्ग की इस आजादी को चीन अपने लिए बड़े खतरे के रूप में देखता रहा और अंतत: अब उसने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया है, जिस पर अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों ने चिंता जताई है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टगुस के मुताबिक, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ कर दिया है अमेरिका अब हॉन्गकॉन्ग को 'एक देश, एक प्रणाली' के तौर पर देखेगा और यहां लोगों की स्वतंत्रता को कुचलने वालों के खिलाफ एक्शन लेगा।'