- दुनियाभर में जारी कोरोना संकट के बीच दक्षिणी चीन सागर में अमेरिकी युद्धपोत
- कोरोना संकट के बावजूद भी दक्षिणी चीन सागर में जारी हैं चीन की गतिविधियां
- रक्षा विशेषज्ञों ने जताई चिंता, कहा- युद्धपोतों की उपस्थिति के पीछे का उद्देश्य जानना जरूरी
वॉशिंगटन: एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है और लाखों लोगों की मौत हो चुकी है वहीं दूसरी तरफ अमेरिका और चीन में फिर तनानती की खबरें आ रही है। अमेरिकी विश्लेषकों के मुताबिक, अमेरिका के जंगी जहाज (युद्धपोत) दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्र में प्रवेश कर गए हैं। सैन्य विश्लेषकों के अनुसार, जलमार्ग में अमेरिकी युद्धपोतों के प्रवेश से एक बार फिर अमेरिका और चीन के बीच तनानती तेज हो सकती है।
दो युद्धपोत पहुंचे
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, यूएसएस अमेरिका, (जल और थल दोनों पर चलने वाला युद्धपोत), और यूएसएस बंकर हिल (एक गाइडेड मिसाइल क्रूजर) मलेशिया के तट से दक्षिण चीन सागर में प्रवेश कर चुके हैं। जिस समय ये जंगी जहाज यहां दाखिल हुए उसी दौरान यहां एक चीनी सरकारी जहाज भी पहुंच गया जो एक मलेशियाई तेल कंपनी के जहाज साथ ड्रिलिंग कर रहा था। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, चीनी और ऑस्ट्रेलियाई युद्धपोत भी आसपास देखे गए।
चीन लगातार बढ़ा रहा है अपनी सक्रियता
पिछले साल के अंत में चीन से फैली कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए काम करने के बावजूद, बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में अपनी गतिविधियों को कम नहीं किया है। यह एक रणनीतिक जलमार्ग है जिसके माध्यम से एक तिहाई वैश्विक नौवहन की आवाजाही होती है। ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक पीटर जेनिंग्स के मुताबिक, "यह चीन द्वारा जानबूझकर अपनाई गई रणनीति है। चीन पड़ोसियों पर दबाव बना रहा है और इसके लिए संयुक्त राज्य अमेरिका पर दवाब बना रहा है।'
कोरोना संकट में भी पीछे नहीं चीन
जनवरी के बाद से, जब कोरोनोवायरस महामारी बढ़ने लगी, तो चीनी सरकार और तट रक्षक जहाज दक्षिण चीन सागर में प्रवेश करने लगे और इस दौरान उन्हों लगातार मछुआरों को परेशान किया। इस महीने की शुरुआत में, वियतनाम ने एक चीनी गश्ती जहाज पर वियतनामी मछुआरों की नाव को डुबोने का आरोप लगाया था। सप्ताहांत में, चीन सरकार ने घोषणा करते हुए कहा कि उसने दक्षिण चीन सागर में औपचारिक रूप से दो नए डिस्ट्रिक्ट की स्थापना की है।
अमेरिका का दावा- हम चाहते हैं शांति
वहीं अमेरिका का कहना है कि दक्षिण चीन सागर में उसका कोई दावा नहीं है। अमेरिकी नौसेना का कहना है कि उसने दशकों से इन जलमार्गों में शांति बनाए रखी है। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने जलमार्ग के चीन के बढ़ते सैन्यीकरण के लिए वहां अपने युद्धपोत उतारे हैं। चीनी सरकार का मानना है कि अमेरिका इस क्षेत्र को अस्थिर करने वाला देश है और 'अमेरिका' और 'बंकर हिल' की उपस्थिति उनके इस दावे की पुष्टि करती है।
अमेरिकी नौसेना ने जारी की तस्वीरें!
रक्षा विशेषज्ञ इस बात पर चिंता रहे हैं कि आखिर अमेरिकी जंगी जहाज यहां क्यों हैं और उनका क्या उद्देश्य है। इंडो-पैसिफिक कमांड ने परिचालन प्रतिबंधों का हवाला देते हुए दो अमेरिकी युद्धपोतों के सटीक स्थान को निर्दिष्ट नहीं किया, लेकिन यह पुष्टि की कि युद्धपोत दक्षिण चीन सागर में थे। मंगलवार को, नौसेना ने ट्विटर पर युद्धपोतों की तस्वीरें पोस्ट कीं, साथ में एक तीसरा पोत, एक विध्वंसक (यूएसएस बैरी) की तस्वीर के साथ लिखा, 'इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता का समर्थन।'