- UN में ग्रेटा थनबर्ग का How Dare You भाषण खूब लोकप्रिय हुआ था
- जलवायु परिवर्तन को लेकर ग्रेटा थनबर्ग की चिंताओं ने खूब सुर्खियां बटोरी थी
- ग्रेटा स्कूल से छुटी लेकर दुनियाभर में पर्यावरण को लेकर जागरुकता फैला रही है
मास्को : महज 16 साल की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग पिछले दिनों सोशल मीडिया से लेकर अंतरराष्ट्रीय जगत की सुर्खियों में रही, जिसने संयुक्त राष्ट्र में जलवायु परिवर्तन को लेकर आयोजित एक सम्मेलन के दौरान सबको झकझोरकर रख देना वाला भाषण दिया था। ग्रेटा के संबोधन ने कई वैश्विक नेताओं को भावुक कर दिया तो पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन को लेकर सजग कार्यकर्ताओं सहित आम लोगों ने भी उसकी खूब तारीफ की। लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उससे प्रभावित नजर नहीं आते, बल्कि वह ग्रेटा को 'कुछ लोगों के हाथों का हथियार' बताते हैं।
इस मासूम कार्यकर्ता की बातों को लेकर जब दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार पुतिन से सवाल किया गया तो उन्होंने दो टूक कहा कि वह इन सबसे बहुत उत्साहित नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा किसी ने ग्रेटा को यह नहीं बताया कि आधुनिक दुनिया बहुत जटिल व भिन्न है और अफ्रीका या कई एशियाई देशों में रहने वाले लोग भी उसी तरह का संपन्न जीवन जीना चाहते हैं, जैसा कि लोग स्वीडन में जीते हैं।
रूस के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अगर कोई पर्यावरण का मुद्दा उठाता है तो उसका समर्थन किया जाना चाहिए, लेकिन अगर कोई बच्चों या किशारों का इस्तेमाल निहित स्वार्थ के लिए करता है तो उसकी केवल आलोचना की जानी चाहिए। हालांकि इस संबंध में उन्होंने किसी समूह का नाम नहीं लिया। एक एनर्जी कॉन्फ्रेंस में उन्होंने ग्रेटा के भाषण को लेकर सवाल करने वालों से कहा, 'जाइये, विकासशील देशों को जाकर बताइये कि आखिर उन्हें क्यों गरीबी में ही जीना चाहिए और स्वीडन की तरह नहीं।'
यह पहली बार नहीं है, जब स्वीडन की कार्यकर्ता ग्रेटा के भाषण और इरादों को लेकर दुनिया के ताकतवर लोगों ने इस तरह का बयान दिया है। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कनाडाई सांसद मैक्सिम बर्नीयर की प्रतिक्रिया भी कुछ ऐसी ही रही थी। कनाडाई सांसद ने तो ग्रेटा को मानसिक रूप से अस्थिर भी करार दे डाला था। अपने खिलाफ इस तरह की प्रतिक्रियाओं से बेपरवाह ग्रेटा ने कहा था कि ये सब इस बात का सबूत है कि उनका संदेश दूर तक पहुंच रहा है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र में ग्रेटा का 'how dare you' भाषण खूब लोकप्रिय हुआ था, जिसमें उसने वैश्विक पर्यावरण की चिंताओं को रेखांकित करते हुए कहा था कि अगर जल्द ही पृथ्वी पर इको-सिस्टम को बचाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाली पीढ़ियां मौजूदा समय के लोगों को कभी माफ नहीं कर पाएंगी। पढ़ाई से एक साल की छुट्टी लेकर पर्यावरण का लेकर दुनियाभर में जागरुकता फैला रही ग्रेटा ने यह भी कहा था कि उन्हें इस वक्त अपने स्कूल में होना चाहिए था, लेकिन वह मजबूरन यह सब कर रही हैं।