- एलेक्सी नवलनी की कहानी है दिलचस्प, पुतिन को देते रहे हैं चुनौती
- नवलनी फिलहाल बर्लिन में, रूस आने का कर चुके हैं ऐलान
- नवलनी के जहर देने के आरोप का क्रेमलिन कर चुका है खंडन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब पहले से भी अधिक शक्तिशाली हो चुके हैं। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ, इस सवाल का जवाब पानी की तरह साफ है। दरअसल पुतिन से रूसी संसद से उस बचाव का हथियार हासिल कर लिया है जिससे वो राष्ट्रपति पद से हटने के बाद भी तमाम तरह के मुकदमों से आजाद रहेंगे। लेकिन पुतिन के खिलाफ आवाज उठाने वाले एलेक्सी नवलनी का कहना है कि वो किसी तरह के सरकारी दमन से डरने वाले नहीं हैं। वो पहले की तरह ही मुखर रहेंगे और एक बार फिर अपनी धरती यानी रूस आकर आवाज बुलंद करेंगे। आखिर एलेक्सी नवलनी की पूरी कहानी क्या है उसे विस्तार से बताएंगे।
पुतिन, मैं आ रहा हूं
एलेक्सी नवलनी, रूस में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। लेकिन पिछले पांच महीनों से वो बर्लिन में रह रहे हैं। उनका कहना था कि पुतिन सरकार उनके अभियान से इस कदर डर गई कि उन्हे जहर दिया गया। रूसी एजेंट या यूं कहें तो पुतिन के नौकरों ने नर्व एजेंट के जरिए हमला किया था और वो कोमा में चले गए थे। उनके परिवार और कुछ दोस्तों ने नवलनी को बर्लिन पहुंचा दिया और एक बार उन्होंने बर्लिन से रूस आने की हुंकार भरी है
जहर देने का आरोप
बर्लिन से इंस्टाग्राम पर नवलनी लिखते हैं कि अब पुतिन जिसने मुझे मारने का आदेश दिया था वो अपने बंकर में चिल्लाता है और अपने नौकरों( एजेंट) को सब कुछ करने का आदेश देता है ताकि मैं वापस ना आ सकूं। एजेंट यानी नौकर सामान्य रूप से काम करते हैं और मेरे खिलाफ नए आपराधिक मामले गढ़ते हैं।यह बात अलग है कि क्रेमलिन ने नवलनी के इन आरोपों को नकार दिया कि उन्हें जहर दी गई थी। इसके साथ ही पुतिन की भूमिका को भी नकार दिया। पुतिन के प्रवक्ता ने कहा कि नवलनी के पास एक उत्पीड़न परिसर है और वह खुद को मसीहा मानते हैं। दिमित्री पेसकोव ने कहा कि रोगी यानी नवलनी खुद उन्माद का शिकार है जिसे हम स्पष्ट रूप से मेगालोमैनिया की कुछ अभिव्यक्तियों को भी स्थापित कर सकते हैं। बड़ी बात यह है कि नवलनी खुद की तुलना यीशु से करता है।
क्या वापस लौट पाएंगे नवलनी
नवलनी के राजनीतिक जीवन के बारे में चर्चा इस बात पर केंद्रित है कि क्या वह मॉस्को लौटेंगे। दरअसल नवलनी के खिलाफ दो अलग अलग मामले हैं और वो अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कई वर्षों तक सलाखों के पीछे रहना पड़ेगा। कहा जा रहा है कि अगर वो एक बार जब वह रूसी मिट्टी पर पैर रखते हैं तो संभव है कि उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा।नवलनी का कहना है कि वो मानते हैं कि षड़यंत्र के तहत उन्हें देश से बाहर रखने की साजिश रची गई। उन्होंने कभी यह नहीं सोचा कि उन्हें रूस लौटना चाहिए या नहीं क्योंकि उन्होंने रूस नहीं छोड़ा था। क्रेमलिन के आदेश पर संघीय सुरक्षा सेवा (FSB) द्वारा तंत्रिका एजेंट नोविचोक के साथ जहर दिया गया था।
रूसी भाषा के आउटलेट इंसाइडर की एक संयुक्त जांच में सीएनएन, जर्मनी के डेर स्पीगेल और यूएस- और ब्रिटेन-राज्य द्वारा वित्त पोषित बेलिंगकैट के साथ एफएसबी ने दावा किया था कि वह कई वर्षों से उसकी देखभाल कर रहा था, जिसके कारण आखिरकार उन्हें नेतृत्व करना पड़ा। उसे मारने की कोशिश कर रहा है। क्रेमलिन ने कहानी का सपाट खंडन करते हुए आरोप लगा दिया।