नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोगों का गुस्सा चीन के पशु बाजारों पर निकल रहा है क्योंकि कहा जा रहा है कि दुनियाभर में कोरोना फैलाने के लिए ये मार्केट जिम्मेदार है। चीन में कोरोना वायरस का मामला सामने आने के बाद इन्हें बंद कर दिया गया था, लेकिन अब जब से वहां संक्रमण के मामले नियंत्रण में आए हैं, ये बाजार फिर से खुल गया है।
कोरोना के कहर के दौरान ये मार्केट बंद रहा था हालांकि अब इसे सरकार ने फिर से खोला है लेकिन यहां कस्टमर्स बेहद कम आ रहे हैं और अब इस बाजार में आने को लेकर कुछ नियम भी बनाए गए हैं ग्राहकों का और बेचने वालों दोनों का इस मार्केट की एंट्री प्वाइंट पर टेंपरेचर लिया जा रहा है, जिससे पता चल सके कि उन्हें कोरोना तो नहीं है।
वुहान के थोक बाजार बइशाजू में तीन हजार से ज्यादा दुकानें हैं लेकिन अभी यहां जिंदा जंगली जानवरों की बिक्री बंद है,इसी मार्केट से जिंदा क्रेफिश पूरे देश में भेजी जाती है। इन बाजारों में विभिन्न तरह के ताजा गोश्त के साथ तरह-तरह के स्तनपायी, सृप, मछलियां आदि जिंदा बेची जाती हैं।
यहां मांस और जानवरों को तरोताजा रखने के लिए अक्सर पानी का छिड़काव होता रहता है। बाजार में मवेशियों के खून और अन्य अवशेष भी जगह-जगह पड़े होते हैं, जो घातक बीमारियों के पनपने के लिए बिल्कुल अनुकूल माहौल होता है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने उठाए थे सवाल
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने भी चीन के वेट मार्केट्स को लेकर सवाल उठाए थे और संयुक्त राष्ट्र तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से चीन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा था, 'वेट मार्केट्स जहां कहीं भी हैं, वे बड़ी व वास्तविक समस्या हैं... यह वायरस चीन से शुरू हुआ और पूरी दुनिया में पहुंच गया। यह कैसे हुआ, यह भी हम सब जानते हैं।'
उन्होंने कहा था, 'वैश्विक स्वास्थ्य के हिसाब से मुझे लगता है कि डब्ल्यूएचओ को इसके खिलाफ कदम उठाना चाहिए... इससे पूरी दुनिया में लोगों के स्वास्थ्य को खतरा है... मुझे लगात है, यह दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है।'
और भी जगहों से इसे लेकर विरोध की आवाजें
ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरीसन के बाद अब अमेरिकी सांसदों के एक सर्वदलीय समूह ने भी कहा था कि चीन को इन 'वेट मार्केट्स' को तत्काल बंद कर देना चाहिए, यहां जानवरों से इंसानों में बीमारी फैलने का जोखिम हमेशा रहता है।
अमेरिका में सीनेट के सदस्यों ने चीन के राजदूत क्युई तिनाकाई को इस संबंध में पत्र लिखा और पशु बाजारों को बंद करने की मांग करते हुए कहा कि इनसे इंसानों में 'जूनोटिक डिसीज' होने का खतरा बना होता है।
'जूनोटिक डिसीज' ऐसी बीमारी है, जो जानवारों से इंसानों में फैल सकती है। अमेरिकी सीनेटर्स ने चीन के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक गाओ फू और कई अन्य दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि चीन के वेट मार्केट्स दुनियाभर में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का स्रोत रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस खतरे से बचाने के लिए इन्हें बंद करना आवश्यक है।