दक्षिण की नदी इमजिन खून से लाल हो गई है। यह नदी उत्तर कोरिया की सीमा के पास स्थित है। नदी के पानी के इस तरह खून से लाल हो जाने के कारण यहां कई आशंकाओं को बल मिला है। बताया जा रहा है कि ये नदी सूअरों के खून से लाल हुई है। लगभग 47,000 सूअरों को मार दिया गया है, जिसका खून नदी में पहुंच गया और इसने पानी की रंगत ही बदल डाली।
दक्षिण कोरिया में करीब 6,700 पिग फर्म हैं और 47,000 सूअरों को मारने का फैसला अफ्रीकन स्वाइन फीवर के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लिया गया, जो सूअरों को होने वाली लाइलाज बीमारी है। इसमें संक्रमित सूअसरों के बचने की कोई संभावना नहीं होती। हालांकि इस बीमारी से इंसानों को खतरा नहीं होता। पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने सूअरों को मारे जाने के खिलाफ मास्क पहनकर प्रदर्शन किया।
बताया जा रहा है कि सूअरों को मारने के बाद उनके अवशेषों को दफनाने के लिए दक्षिण व उत्तर कोरिया की सीमा पर स्थित डंपिंग ग्राउंड ले जाया गया था, जहां कई ट्रकों को अंदर ही छोड़ दिया गया।
अब ऐसी आशंका बढ़ती जा रही है कि नदी का पानी पीने से कहीं दूसरे जानवरों में यह बीमारी न फैल जाए या कहीं ग्राउंड वाटर न प्रदूषित हो। हालांकि प्रशासन ने इससे इनकार किया है और कहा है कि सूअरों को मारने से पहले उनके संक्रमण का इलाज कर दिया गया था।
दक्षिण कोरिया में सूअरों को अफ्रीकन स्वाइन फीवर होने का पता सितंबर में चला था। इससे पहले मई में उत्तर कोरिया में सूअरों को इससे संक्रमित होने का पता चला था। कहा जा रहा है उत्तर कोरिया व दक्षिण कोरिया की सीमा पर स्थित असैन्यीकृत क्षेत्र की बाड़ों को पार गए सूअर दक्षिण कोरिया की सीमा में दाखिल हुए, जिससे यहां यह बीमारी फैली।
दक्षिण कोरिया ने हालांकि इसके लिए काफी उपाय किए कोई भी संक्रमित पशु सीमा पार इधर न आ पाए। इसके लिए सीमा पर बाड़ भी लगाए गए और सेना को यह अधिकार दिया गया कि वह असैन्य क्षेत्र को पार करने वाले किसी भी जानवर को मार सके। इस संक्रामक बीमारी से चीन, वियतनाम और फिलीपीन्स भी प्रभावित हैं। अकेले चीन में इस बीमारी संक्रमित 12 लाख सूअरों को मारे जाने की बात सामने आई है।