- पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फ़वाद चौधरी ने भारत पर लगाया आरोप
- चौधरी बोले- न्यूज़ीलैंड की क्रिकेट टीम को जिस डिवाइस से धमकी भेजी गई थी उसका संबंध भारत से
- सुरक्षा कारणों की वजह से न्यूजीलैंड ने रद्द कर दिया था पाकिस्तान दौरा
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की हालत इन दिनों 'खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे' वाली हालत हो गई है। पहले न्यूजीलैंड और फिर इंग्लैंड की टीम ने अपना पाकिस्तान दौरा रद्द क्या किया कि पाकिस्तान बौखला गया है। न्यूजीलैंड टीम ने सुरक्षा का हवाला देते हुए 18 साल बाद अपना पहला दौरा रद्द कर दिया (New zealand Cancels Pakistan Tour) और पाकिस्तान ने अब इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। इमरान सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी (Fawad Chaudhry) ने आरोप लगाया कि भारत की ओर से न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को एक धमकी भरा ईमेल भेजा गया था, जिसके बाद कीवी टीम को पाक का दौरा रद्द करना पड़ा।
चौधरी का दावा
फवाद चौधरी ने आरोप लगाया कि न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को धमकी भरा ईमेल भारत से भेजा गया था जिससे न्यूजीलैंड ने उनके देश का दौरा रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि इसे वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का उपयोग करके भेजा गया था, इसलिए इसके लोकेशन को सिंगापुर के रूप में दिखाया गया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि इसी डिवाइस में 13 अन्य आईडी थे, जिनमें से लगभग सभी भारतीय नाम थे। चौधरी ने दावा किया, ‘न्यूजीलैंड टीम को जो धमकी दी गयी थी, उसके लिये भारत में इस डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था। एक फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया गया लेकिन यह महाराष्ट्र से भेजा गया था।’
फवाद चौधरी ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम मानते हैं कि यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के खिलाफ अभियान है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और अन्य संस्थाओं को भी इस पर ध्यान देना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने एक मामला दर्ज कर लिया है और इंटरपोल से तहरीक ए लब्बैक प्रोटोनमेल और हम्जा अफरीदी की आईडी पर सूचना के लिये सहायता का अनुरोध किया था।
भारत कह चुका है ये बात
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जुलाई में कहा था, ‘पाकिस्तान के लिये भारत के खिलाफ बेबुनियाद दुष्प्रचार करना कोई नयी बात नहीं है। अच्छा होगा कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं से हो रहे आंतकवाद और वहां सुरक्षित ठिकाने हासिल करने वाले आंतकवादियों के खिलाफ विश्वसनीय कार्रवाई करे। जब आंतकवाद की बात आती है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की स्थिति से वाकिफ है।’