- एक नीति से बिगड़ी श्रीलंका की आर्थिक स्थिति
- आहिस्ता-आहिस्ता बर्बाद होता गया श्रीलंका!
- लंका का आफतकाल-आगे क्या होगा?
लोगतंत्र में आज बात, परेशान पड़ोसी देश श्रीलंका की। जहां सड़क से संसद तक बवाल है। हंगामा है। राजधानी कोलंबो में तो सुबह से ही हाहाकार मचा हुआ है। चारों तरफ प्रदर्शनकारी कब्जा कर लेना चाहते हैं जबकि सुरक्षाकर्मी उन्हें रोकने के लिए दिन भर मशक्कत करते रहे। हमारे संवाददाता प्रियांक त्रिपाठी ने कोलंबो के कई इलाकों से रिपोर्ट भेजी है। कहीं लाठीचार्ज हुआ। कहीं आंसू गैस के गोले छोड़े गए। कहीं वाटर कैनन का इस्तेमाल हुआ। राष्ट्रपति भवन के बाद अब श्रीलंका के PMO पर जनता का कब्जा हो गया है। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री ऑफिस के अंदर दाखिल हो गए हैं। ये EXCLUSIVE रिपोर्ट देखिए
श्रीलंका के पीएमओ के अंदर जनता तालियां बजा रही है। अपनी जीत का जश्न मना रही है लेकिन अंदर दाखिल होने के लिए जो संघर्ष था वो काफी हिंसक था। प्रदर्शनकारियों के बीच आक्रोश उस वक्त और बढ़ गया। जब प्रधानमंत्री को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाने की बात कही गई। हमारी ये रिपोर्ट आपको बताएगी कि आज दिन भर कोलंबो में क्या हुआ और कैसे राष्ट्रपति राजपक्षे गोटबाया देश छोड़कर भाग गए।
ये तो आपने देखा कि पूरे देश को अपने हाल पर छोड़कर कैसे गोटाबाया राजपक्षे फरार हो गए लेकिन उन्होंने श्रीलंका को कंगाली की जिस दहलीज पर पहुंचा दिया अब उसकी पूरी कहानी देखिए। देखिए कैसे तीन साल में सरकार की नीतियों से श्रीलंका की जनता कैसे दो जून की रोटी के लिए तरस रही है।
Sawal Public Ka: मोदी के इंडिया की तुलना श्रीलंका से करना अफवाह है या इसमें सच्चाई है?
जिस तरह के संकट से आज श्रीलंका दो-चार हो रहा है। क्या कल उसी राह पर पाकिस्तान भी होगा? ये सवाल वाजिब है क्योंकि जिन-जिन देशों में चीन ने दखल बढ़ाया है। उनकी हालत खराब है। श्रीलंका और पाकिस्तान के ताजा उदाहरण सामने है। ऐसे में पड़ोसी देशों को बचाना कैसे भारत के लिए चुनौती बन गया है।
Dhakad Exclusive :श्रीलंका में प्रदर्शन, पाकिस्तान में टेंशन, चीन से दोस्ती पाक भी भुगतेगा?