श्रीलंका में हालात बेकाबू हो चले हैं। आर्थिक बदहाली के आक्रोश ने जनता को इतना गुस्से से भर दिया है कि अब लोकतंत्र पर भीड़तंत्र हावी होने लगा है। पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे तक को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा है। श्रीलंका में शहर दर शहर हिंसा का कहर बरप रहा है। हिंसा की आग ऐसी जो पीएम, मंत्री और सांसद को जलाने पर आमादा है।
इस बीच महिंदा राजपक्षे के फैमिली का रेस्क्यू किया गया है। एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। प्रदर्शनकारियों के डर से सेना ने उन्हें बचाया। हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर एक नौसैनिक अड्डे पर शरण ली है। रिपोर्टों में कहा गया है कि राजपक्षे कोलंबो में अपने आधिकारिक आवास से भागने के बाद त्रिंकोमाली नौसेना बेस में पहुंच रहे हैं। इस बीच राजपक्षे के बेटे ने कहा है कि वो देश से नहीं भागेंगे। राजपक्षे के बेटे नमल ने कहा कि राजपक्षे परिवार की श्रीलंका छोड़ने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि महिंदा सांसद के रूप में पद नहीं छोड़ेंगे और अपने उत्तराधिकारी को चुनने में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं।
श्रीलंका में अब सरकार के समर्थक और विरोधी आमने-सामने हैं। धीरे धीरे सरकार विरोधी उग्र होने लगते हैं। अब जिसके हाथ में जो चीज है वो एक दूसरे को निशाना बनाकर फेंकने लगता है। प्रदर्शनकारियों के हमले के बाद काफिले की गाड़ियां पीछे होने लगती हैं। अब सांसद, विपक्षी नेता और उनके समर्थकों को पता लग चुका है कि ये भीड़ जान ले लेगी। लिहाजा जान बचाने की कवायद शुरू हो गई।
10 बिंदुओं के जरिए समझें श्रीलंका में अब तक क्या हुआ, गुस्से की आग
सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़प में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर मंगलवार को आठ हो गई तथा 200 से अधिक लोग घायल हो गए। देश में आर्थिक संकट के कारण भोजन, ईंधन और ऊर्जा की भारी कमी पैदा होने के बीच सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों ने हमला कर दिया था, जिसके बाद श्रीलंका में हिंसा भड़क गई। श्रीलंका में घोर आर्थिक संकट के बीच महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे कुछ ही घंटों पहले, उनके समर्थकों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया था, जिसके कारण प्राधिकारियों को राजधानी में सैन्य बलों को तैनात करना पड़ा और राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाना पड़ा। इस हिंसा के दौरान हंबनटोटा में राजपक्षे के पैतृक आवास सहित कई नेताओं के आवासों में आगजनी की गई।