कानपुर के अमित कुमार निरंजन का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2021 में शामिल हुआ है। दरअसल, अमित ने छह विषयों से नेट क्वालीफाई किया है। दावा किया जा रहा है कि देश में अभी तक किसी ने भी इतने विषयों में यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) पास नहीं की है। उन्होंने जून 2010 से नवंबर 2020 तक यूजीसी नेट जेआरएफ कॉमर्स, यूजीसी नेट इकोनॉमिक्स, मैनेजमेंट, एजुकेशन, राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र में नेट क्वालीफाई किया है।
इसीलिए अमित कुमार निरंजन को छह विषयों में यूजीसी नेट क्वालिफाई करने के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का खिताब मिला है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं को भी उत्तीर्ण किया है और इलाहाबाद बैंक में पीओ के रूप में काम किया है। अमित को सीबीएसई और आईएससी बोर्ड में 17 साल का शिक्षण का अनुभव हैं। निरंजन ने 25,000 से अधिक छात्रों और 5,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है।
शिक्षा के क्षेत्र में कर रहे काम
उन्होंने SBMV कॉलेज, रोमा, कानपुर में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में काम किया है और पिछले कई वर्षों से CBSE में सहायक प्रमुख परीक्षक हैं। वह सभी प्रकार के छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं सहित सभी बोर्डों के लिए एक विशिष्ट अभ्यास मॉडल विकसित कर रहे हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी होगा। अभी वो किताबें भी लिख रहे हैं और कई शैक्षिक परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। वह अंतरराष्ट्रीय विषय विशेषज्ञ, प्रसिद्ध ट्रेनर, एक प्रेरक वक्ता और परामर्शदाता हैं।
माता-पिता के सहयोग से मिली सफलता
निरंजन ने न केवल सीएसजेएम यूनिवर्सिटी में एम.फिल (2009) में टॉप किया, बल्कि 2010 में आईआईटी, कानपुर में पीएचडी के लिए भी चयनित हुए। उनके पिता आरएन निरंजन (यूपी हैंडलूम से सेवानिवृत्त प्रबंधक) और माता उर्मिला निरंजन (एक गृहिणी) ने उनका भरपूर समर्थन किया जिससे उन्हें ये कामयाबी हासिल करने में मदद मिली। उनका कहना है कि अंक किसी की क्षमता को आंकने के लिए कोई मापदंड नहीं है। विषय के सार के प्रति किसी की रुचि अधिक महत्व रखती है। योजना और समय प्रबंधन में सटीकता जरूरी चीजें हैं जो आपकी प्रगति को तेज करती हैं।