नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर से कारों के सभी मॉडल में एयर बैग लगाने की बात दोहराई है। रविवार को उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा "छोटी कारें, ज्यादातर निम्न मध्यम वर्ग के लोगों द्वारा खरीदी जाती हैं, उन कारों में भी पर्याप्त संख्या में एयरबैग होने चाहिए। मैं हैरान हूं कि, क्यों ऑटोमोबाइल कंपनियां केवल अमीर लोगों द्वारा खरीदी जाने वाली बड़ी और महंगी कारों में ही 8 एयरबैग देती हैं। मैं कार कंपनियों से सभी मॉडल में कम से कम 6 एयरबैग देने की अपील करता हूं।"
नितिन गडकरी की इस अपील ने एक बार फिर बहस छेड़ दी है कि क्या मर्सडीज, BMW,Audi जैसी कारों की तरह अब Alto, Kwid,Santro जैसे कारों में भी 6 या उससे ज्यादा एयर बैग होंगे। और अगर होंगे तो इसका आम आदमी पर क्या बोझ पड़ेगा। या फिर कंपनियां बिना कोई अतिरिक्त बोझ बढ़ाए, ऐसा कर देगीं। इस मामले में ऑटो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बताया "देखिए ऐसा करना संभव है। लेकिन फिर उससे लागत बढ़ेगी और जिसका बोझ ग्राहकों पर ही पड़ेगा। नितिन गडकरी ने अगर सुझाव दिया है तो यह भी है कि सरकार इसको लेकर कुछ प्लान कर रही होगी। ऐसे में हमें उनके प्लान का इंतजार करना होगा।
कितनी बढ़ जाएगी लागत
इंडस्ट्री सूत्रों के अनुसार अगर 6 बैग की अनिवार्यता लागू होती है। तो विभिन्न मॉडल के आधार पर प्रति बैग 4000-12000 रुपये तक लागत बढ़ेगी। इसका मतलब है कि कारों की कीमत में 16000 रुपये से लेकर 48000 रूपये तक इजाफा हो सकता है। असल में नए नियमों के अनुसार एक अप्रैल 2021 से सभी नए कार मॉडल में आगे की दोनों सीटों के लिए एयरबैग अनिवार्य कर दिए गए हैं। जबकि 31 अगस्त 2021 से मौजूदा कार मॉडल के लिए आगे की दोनों सीटों के लिए एयरबैग अनिवार्य हैं। ऐसे में कार कंपनियों को 6 एयरबैग के लिए 4 एयरबैग अतिरिक्त लगाने होंगे।
भारत में सबसे ज्यादा दुर्घटना
सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार साल 2018 में पूरी दुनिया में सड़क दुर्घटना में 13.5 लाख लोगों की मौत हुई थी। उसमें से 20 फीसदी मौतें विकासशील देशों में हुई और 11 फीसदी मौतें अकेले भारत में हुई थी। भारत में साल 2019 में 1.51 लाख लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी। जाहिर है भारत में बड़े पैमाने पर हर साल सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत हो रही है। और इसी में कमी लाने के लिए नितिन गडकरी कारों में 6 एयरबैग की वकालत कर रहे हैं। ऐसे में कार कंपनियों का कहना है कि ऐसा करना संभव है लेकिन उसके लिए ग्राहकों को ज्यादा कीमत चुकानी होगी। खैर यह बात भी समझने वाली है कि जान से बढ़कर कार की कीमत नहीं हो सकती है।