पेट्रोल और डीजल के विकल्प के तौर पर सीएनजी को इस्तेमाल में लाई जा रही है। लेकिन जिस तरह से सीएनजी के दाम में बढ़ोतरी हो रही है वो चिंता वाली बात है। भारत सरकार ने गुरुवार कहा कि घरेलू स्तर पर प्राकृतिक गैस की कीमत 1 अक्टूबर, 2021 से शुरू होकर 31 मार्च, 2022 तक 2.9 मिलियन डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) तक बढ़ेगी।
सीएनजी की कीमत में इजाफे का साइड इफेक्ट
अब, यह मोटर चालकों को क्यों और किस तरह प्रभावित करेगा। यह बात सही है कि वही प्राकृतिक गैस है जिसे वाहनों में ईंधन के रूप में उपयोग के लिए सीएनजी में परिवर्तित किया जाता है।पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की एक इकाई, पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) की यह घोषणा कम से कम छह महीने के लिए दरों को प्रभावित करेगी। बहरहाल, मुद्दा यह है कि इस वृद्धि से अब सीएनजी की कीमतों में भी तेजी आने की उम्मीद है।
सार्वजनिक परिवहन पर भी असर
ध्यान देने वाली बात यह है कि दो वर्षों में यह पहली बार है जब भारत में प्राकृतिक गैस की कीमतों में वृद्धि की गई है। सरकार ने गैस की कीमतों में आखिरी बार अप्रैल 2019 में बढ़ोतरी की थी। अब, यह उन सीएनजी वाहन-मालिकों को प्रभावित करेगा जिन्होंने ईंधन पर पैसे बचाने के लिए इस तरह के क्लीन फ्यूल के विकल्प को चुना था। हालांकि, यह केवल निजी वाहन मालिक ही नहीं हैं जिन्हें बढ़े दामों की सामना करना होगा बल्कि वाणिज्यिक वाहन ऑपरेटरों के साथ-साथ सार्वजनिक परिवहन ऑपरेटरों को भी इस तरह की वृद्धि का असर महसूस होगा। अगर बात दिल्ली की डीटीसी बसों को लें राष्ट्रीय राजधानी का बस बेड़ा क्षेत्र में हवा की गंभीर रूप से खराब गुणवत्ता को दूर करने में मदद करने के लिए संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) द्वारा संचालित है और कीमतों में बढ़ोतरी का असर निश्चित तौर पर आम लोगों पर होगा।