साल 2019, ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा जो खास तौर पर नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFC) के सामने आने वाले गंभीर लिक्विडिटी संकट के कारण हुआ था जिसकी वजह से प्रोडक्शन में काफी कटौती हुई थी और कार लोन की मांग में तेजी से गिरावट आई थी। जबकि इस संकट को दूर होने में अभी काफी समय है लेकिन फिर भी पिछले फेस्टिव सीजन के दौरान गाड़ियों की मांग में एक मामूली उछाल के साथ यह सेक्टर धीरे-धीरे रिकवर कर रहा है।
बैंक बाजार की मनीमूड 2020 की रिपोर्ट में भी यही ट्रेंड दिखाई दिया था जिसमें 2019 में ऑनलाइन मार्केटप्लेस की वेबसाइट में सबसे बड़े आकार के कार लोन में साल-दर-साल 63% की भारी गिरावट देखने को मिली थी। लेकिन, रिपोर्ट से पता चला है कि कार लोन का औसत आकार, मेट्रो और नॉन-मेट्रो दोनों तरह के शहरों में क्रमशः 5.7 लाख और 5.5 लाख रुपए पर स्थिर बना रहा। Q32020 में कार लोन की मांग में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि फेस्टिव ऑफर, आसान फाइनेंसिंग शर्तों, और NBFC संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई नीतियों के कारण कंज्यूमर की दिलचस्पी में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। इसलिए, इन सभी कारणों की वजह से 2020 एक कार खरीदने के लिए एक अच्छा साल हो सकता है।
लेकिन, अपने सपनों की कार खरीदने का अंतिम फैसला करने से पहले, इससे जुड़े तरह-तरह के खर्च को ध्यान में रखना न भूलें, खास तौर पर एक कार लोन लेते समय। आपका EMI अमाउंट इतना होना चाहिए कि आपके मंथली फाइनेंस पर दबाव न पड़े और आप अपने अन्य फाइनेंशियल कमिटमेंट्स पूरे कर सकें। यदि आपने कुछ लोन ले रखे हैं तो इस बात की अच्छी तरह प्लानिंग करना और भी जरूरी हो जाता है कि आपका कार लोन अमाउंट कितना होना चाहिए और आप उसे समय रहते बिना किसी परेशानी के कैसे चुका सकते हैं।
यदि आपको समझ में नहीं आ रहा है कि आपको कितना और कितने समय के लिए लोन लेना चाहिए तो आप "20-4-10” रुल नामक एक लोकप्रिय रुल की मदद ले सकते हैं। जबकि यह रुल, आपकी लोन सम्बन्धी जरूरतों पर पूरी तरह से लागू नहीं भी हो सकता है लेकिन फिर भी इससे आपको कुछ महत्वपूर्ण फाइनेंशियल जानकारी मिल सकती है। आइए देखते हैं कि कार लोन के लिए यह "20-4-10” रुल का क्या मतलब है।
20: आपके कार की कीमत का प्रतिशत जिसका आपको डाउन पेमेंट करना चाहिए
एक कार एक महंगा लेकिन मूल्य घटने वाला एसेट है। इसका वैल्यू उसी समय से घटना शुरू हो जाता है जब आप इसे शोरुम से खरीदकर बाहर निकलते हैं। जहाँ एक तरफ कार का वैल्यू समय के साथ गिरता रहता है, वहीं दूसरी तरफ कार के रखरखाव, इंश्योरेंस, और फ्यूल से जुड़ी लागत जैसे खर्च के माध्यम से कार खरीदने की लागत बढ़ती रहती है। इसके अलावा, इसके साथ लोन की लागत भी जुड़ जाती है जैसे प्रोसेसिंग फीस और इंटरेस्ट। इसलिए, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए पहले से ही इस बात का पता लगा लेना ठीक होगा कि आप अपने कार लोन को बिना किसी परेशानी के चुका पाएंगे या नहीं ताकि आपकी अन्य फाइनेंशियल जरूरतों पर इसका कोई बुरा असर न पड़े।
एक फाइनेंशियल बैलेंस बनाए रखने का एक अच्छा तरीका यही है कि आपको इस रुल के पहले हिस्से को फोलो करना होगा, यानी कार की कीमत का कम से कम 20% डाउन पेमेंट करना चाहिए। इससे आपका लोन अमाउंट, आपके कार की कीमत का 80% से अधिक नहीं होगा। इसका मतलब है कि यदि आप 10 लाख रु. की एक कार ले रहे हैं तो कोशिश करें कि आपका डाउन पेमेंट 2 लाख रु. से कम न हो ताकि आपका लोन अमाउंट 8 लाख रु. से ज्यादा न हो। आप अपने लोन के बोझ को और कम करने के लिए इससे ज्यादा डाउन पेमेंट भी कर सकते हैं यदि आपके फाइनेंस पर इसका कोई बुरा असर न पड़ता हो, लेकिन इस बात का खास ख्याल रखना है कि डाउन पेमेंट की रकम 20% से कम न हो।
कई बार ऐसा भी होता है कि लोगों के पास डाउन पेमेंट के लिए पर्याप्त रकम न होने के कारण उन्हें बड़ा लोन लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसलिए पहले से इसकी प्लानिंग करके रखना सबसे अच्छा होगा। अच्छी तरह खोजबीन करके पता लगाएं कि आपकी कार के लिए एक आरामदायक बजट क्या होना चाहिए। अब डाउन पेमेंट के लिए उस अमाउंट में से कम से कम 20% अमाउंट का इंतजाम करने के लिए एक फाइनेशियल लक्ष्य तैयार करें और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक निश्चित समय सीमा निर्धारित करें। "मुझे कार के डाउन पेमेंट के लिए 12 महीने में 2 लाख रु. का इंतजाम करना है"
जैसा एक लक्ष्य तैयार करने के बाद इस बात का पता लगाने की कोशिश करें कि आप अपने लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए अपनी सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट रिटर्न्स को कैसे काम में लगा सकते हैं। इसके लिए आप चाहें तो एक फिक्स्ड डिपोजिट (यदि आपके पास इस लक्ष्य के लिए खर्च करने के लिए लम्प सम अमाउंट के रूप में कुछ सेविंग्स है), एक रेकरिंग डिपोजिट (यदि आप इस लक्ष्य के लिए अपनी मंथली सैलरी का एक हिस्सा सेव करना चाहते हैं) या एक शॉर्ट टर्म लिक्विडिट म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टमेंट की शुरुआत भी कर सकते हैं जिसमें कोई एग्जिट लोड न लगता हो और जिसे किसी भी समय निकाला जा सकता हो। लेकिन, एक बात का ख्याल रखें कि लिक्विड फंड, बैंक डिपोजिट की तुलना में थोड़ा रिस्की इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है।
4: आपका आदर्श रीपेमेंट पीरियड, साल में
इस रुल के दूसरे हिस्से से यही पता चलता है कि आपके कार लोन का रीपेमेंट पीरियड, 4 साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए। जबकि भारत में उधारदाता आम तौर पर 8 साल तक का रीपेमेंट पीरियड देते हैं लेकिन आपको इस बात का ख्याल रखना होगा कि लम्बे रीपेमेंट पीरियड के कारण आपकी EMI कम तो हो सकती है लेकिन इसके लिए आपको
इंटरेस्ट के रूप में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। उदाहरण के लिए, 4 साल के लिए 10% प्रति वर्ष की दर से 8 लाख रु. का एक कार लोन लेने पर आपको इंटरेस्ट के रूप में कुल मिलाकर 1.74 लाख रु. देने होंगे जबकि इसी लोन को 7 साल में चुकाने पर इंटरेस्ट अमाउंट बढ़कर 3.15 लाख रु. हो जाएंगे।
बात यह है कि एक कार लोन लेने से बेशक हमें अपने कार खरीदने के सपने को पूरा करने में मदद मिलती है लेकिन इंटरेस्ट अमाउंट को नियंत्रण में रखना जरूरी है क्योंकि एक कार, एक मूल्य घटने वाला एसेट है जिसके रखरखाव पर नियमित रूप से खर्च भी करना पड़ता है। इसलिए, अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को पूरा करने के लिए समझदारी के साथ इस बात का ध्यान रखते हुए लोन लेना चाहिए कि एक लम्बे और महंगे कर्ज के कारण आपके फाइनेंस पर बहुत ज्यादा बोझ न पड़े वर्ना हमारे अन्य महत्वपूर्ण फाइनेंशियल कमिटमेंट्स पर बुरा असर पड़ सकता है।
10: आपके इनकम का प्रतिशत जिसे आप अपने कार लोन की EMI पर खर्च कर सकते हैं
एक कार लोन लेते समय सिर्फ EMI के पेमेंट की ही चिंता नहीं करनी पड़ती है बल्कि आपको अन्य महत्वपूर्ण खर्च जैसे होम लोन की EMI, किराया, इंश्योरेंस प्रीमियम, यूटिलिटी, क्रेडिट कार्ड रीपेमेंट, इन्वेस्टमेंट, बच्चों की पढ़ाई से जुड़े खर्च, इत्यादि का भी ख्याल रखना पड़ता है। यहीं इस रुल का तीसरा हिस्सा महत्वपूर्ण हो जाता है: कोशिश करें कि आपके कार लोन की EMI पर आपके घर ले जाने लायक इनकम का 10% से ज्यादा खर्च न हो। इससे आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आपके कार लोन की EMI आपके फाइनेंस के लिए जरूरत से ज्यादा बोझ नहीं बनेगी और आपके सभी फाइनेंशियल कमिटमेंट्स समय पर पूरी तरह से पूरे होंगे।
कुल मिलाकर, एक कार जैसी कोई महँगी चीज खरीदते समय, एक आरामदायक बजट तैयार करना और उस बजट पर चलना बहुत जरूरी है। इसी तरह यह देखना भी जरूरी है कि आप अपने चुने हुए कार लोन की EMI को आसानी से चुका पाएंगे या नहीं। इस सम्बन्ध में आपको कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, जिस तरह आप दुर्घटना से बचने के लिए सावधानी के साथ गाड़ी चलाते हैं। इस तरह यह "20-4-10” रुल सही फाइनेंशियल बैलेंस बनाने में आपकी मदद कर सकता है।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।)