नहीं रहे Maruti के फाउंडिंग चेयरमैन पद्म विभूषण डॉ. वी कृष्णमूर्ति, जानें कैसा रहा सफर

ऑटो
अंशुमन साकल्ले
अंशुमन साकल्ले | Senior Special Correspondent
Updated Jun 27, 2022 | 13:26 IST

मारुति उद्योग के फाउंडिंग चेयरमैन डॉ. वेंकटरमण कृष्णमूर्ति का 97 साल की उम्र में निधन हो गया है. मारुति में रहकर उन्होंने कंपनी की दशा और दिशा दोनों बदली, इसके अलावा उन्हें कई नामचीन पुरुस्कार भी उत्क्रष्ट प्रदर्शन के लिए दिए गए.

Dr. V Krishnamurthy Passes Away
2007 में इन्हें नागरिकों को मिलने वाला सबसे आला दर्जे का पद्म विभूषण पुरुस्कार भी दिया गया (Image Credit: NBT) 
मुख्य बातें
  • डॉ. वी कृष्णमूर्ति का 97 साल की उम्र में निधन
  • कई नामचीन अवॉर्ड शानदार काम के लिए मिले
  • इन्हीं की अगुवाई में लॉन्च हुई थी मारुति 800

Dr. V Krishnamurthy Passes Away: ऑटोमोटिव जगत से एक दुखद खबर आई है. मारुति उद्योग (Maruti Udyog) जो अब मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) हो चुका है उसके फाउंडिंग चेयरमैन डॉ. वी कृष्णमूर्ति (Dr. V Krishnamurthy) का रविवार 26 जून को 97 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. सालों तक मारुति सुजुकी के चेयरमैन रहने के अलावा कृष्णमूर्ति कई पब्लिक सेक्टर्स के चेयरमैन भी रहे. उन्होंने भारत हेवी इले़क्ट्रकल्स लिमिटेड (BHEL) और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) जैसी इकाइयों का कायापलट किया जिसके बाद उन्हें टर्नअराउंड मैन के नाम से भी जाना जाने लगा था. कृष्णमूर्ति ने भारत सरकार के साथ भी कुछ बहुम अहम काम किए हैं जिनमें उद्योग मंत्रानय के प्लानिंग कमिशन एंड सेक्रेटरी का सदस्य होना भी शामिल है.

क्या बोले TVS मोटर कंपनी के चेयरमैन

डॉ. वी कृष्णमूर्ति के निधन पर टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने कहा, "डॉ. कृष्णमूर्ति मेरे काम शुरू करने से लेकर पूरे करियर तक मेरे मेंटॉर रहे हैं. उन्होंने टीवीएस मोटर कंपनी को बनाते समय मेरी बहुत मदद की और एक बहुत महत्वपूर्ण रोल निभाया है. वो भारतीय ऑटो इंडस्ट्री में सबसे बड़े औधे के लीडर्स में से एक थे. भारत के लिए उनका योगदान अतुलनीय है. उनका जाना भारतीय उद्योग और देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है."

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मिल चुके हैं नीमचीन अवॉर्ड

कृष्णमूर्ति को 1981 में मारुति उद्योग का वाइस चेयरमैन और एमडी चुना गया, इसके बाद वो 1985 में एसएआईएल के साथ जड़े. यहां उन्होंने एक नुकसान में जाती कंपनी को इंडस्ट्री का लीडर बनाकर खड़ा कर दिया. 2004 से 2014 तक वो नेशनल मेन्युफैक्चरिंग कॉम्पिटिटिवनेस काउंसिल में बतौर चेयरमैन काम किया. कृष्णमूर्ति को 1973 में पद्मश्री और 1986 पद्मभूषण पुरुस्कार से नवाजा गया. 2007 में इन्हें नागरिकों को मिलने वाला सबसे आला दर्जे का पद्म विभूषण पुरुस्कार भी दिया गया.

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