नई दिल्ली: मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा है कि चीन के सामान के बहिष्कार के लिए भारतीय विनिर्माण को अधिक प्रतिस्पर्धी, गहरा और व्यापक बनाने की जरूरत है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को यह ध्यान रखने की जरूरत है कि चीनी माल के बहिष्कार के चलते उन्हें उत्पादों के लिए अधिक कीमत चुकानी होगी।
भार्गव ने कहा कि लंबे समय तक आयात करना वास्तव में किसी के व्यावसायिक हित में नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ उत्पादों का आयात जारी रहेगा, क्योंकि इस मामले में हमारे पास सीमित विकल्प हैं। या तो ऐसे उत्पाद भारत में उपलब्ध नहीं हैं, या फिर उनकी गुणवत्ता या कीमत का मुद्दा है।
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी के प्रमुख ने भाषा से साक्षात्कार में कहा, 'हर कोई जानता है कि एक समय के बाद उत्पादों का आयात रुपये के कमजोर होने से महंगा होता जाता है। यदि दस साल पहले आप कोई सामान मंगा रहे थे, तो आज आपको वह 60 से 70 प्रतिशत महंगा मिलेगा। ऐसे में आयात करना किसी के व्यावसायिक हित में नहीं है। आप तभी आयात करते हैं, जबकि आपके पास सीमित विकल्प हों।'
उन्होंने कहा कि अभी जो भावना चल रही है उन सभी का जवाब यही है कि आप भारतीय विनिर्माण को अधिक प्रतिस्पर्धी, गहरा और व्यापक बनाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आत्मनिर्भर' की जो बात की है, उसका आशय इसी से है। यदि आप भारत में प्रतिस्पर्धी मूल्य पर सामान का उत्पादन करते हैं, तो लोग उनका आयात नहीं करेंगे।'
यह पूछे जाने पर कि लद्दाख सीमा पर भारत-चीन तनाव की वजह से चीनी आयात के खिलाफ जो आवाजें उठ रही हैं उनसे वाहन और अन्य क्षेत्रों की कंपनियां चिंतित हैं, भार्गव ने कहा कि सीमा पर जो हुआ है उसको लेकर यह स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। पाकिस्तान के मामले में भी ऐसा हुआ था। यह नीति नहीं बन जाता। मुझे लगता है कि नीति-निर्माता कोई नीति बनाने या हटाने से पहले सावधानी से विचार करते हैं। वे भावनाओं के हिसाब से प्रतिक्रिया नहीं देते।
उन्होंने भारत में उद्योगों द्वारा आयात करने की वजह बताते हुए कहा, 'या तो वह उत्पाद भारत में बनता नहीं है, उपलब्ध नहीं है। या फिर उपलब्ध है भी, तो उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है। वह काफी महंगा है।'
आयात रोकने से भारत को फायदा होगा या नुकसान, इस सवाल पर भार्गव ने कहा, 'यदि गैरजरूरी सामान है, तो हमें नुकसान नहीं होगा। लेकिन यदि किसी आवश्यक सामान का आयात रोका जाता है, तो इससे हमें चीन से अधिक नुकसान होगा। आपको देखना होगा कि क्या आयात किया जा रहा है। यह हमारे उद्योग के लिए कितना जरूरी है। क्या आयात रोकने से हमें फायदा होगा, या नुकसान।'