नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआई) ने बुधवार को कहा कि उसे चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 268.3 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ है। पिछले 17 साल में पहली बार कंपनी को किसी तिमाही में घाटा हुआ है। इस दौरान कारोना वायरस महमारी की रोकथाम के लिए लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के चलते कंपनी के कामकाज पर बुरा असर पड़ा।
एमएसआई के वक्तव्य में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019-2020 की इसी तिमाही में उसे 1,376.8 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज हुआ था। कंपनी जुलाई 2003 में शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई थी। उसके बाद पहली बार उसे किसी तिमाही में घाटे का सामना करना पड़ा है। कंपनी ने कहा कि अप्रैल- जून 2020 तिमाही में उसकी कुल बिक्री 3,677.5 करोड़ रपये रही जो कि एक साल पहले की इसी तिमाही में 18,735.2 करोड़ रुपये रही थी। आलोच्य तिमाही में एकल आधार पर कंपनी को पहली तिमाही में 249.4 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। जो कि एक साल पहले इसी तिमाही में 1,435.5 करोड़ रुपये रहा था।
वित्त वर्ष की इस पहली तिमाही में कंपनी ने कुल 76,599 वाहनों की बिक्री की। इसमें से 67,027 वाहन घरेलू बाजार में बेचे गये जबकि 9,572 कारों का निर्यात किया गया। वहीं पिछले साल इसी तिमाही की यदि बात की जाये तो कंपनी ने कुल 4,02,594 वाहन बेचे थे।
कंपनी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड- 19 के चलते कंपनी के इतिहास की यह अप्रत्याशित तिमाही रही। सरकार द्वारा लागू ‘लॉकडाउन’ का पालन करते हुये इस तिमाही के बड़े हिस्से में कंपनी के कारखानों में न तो कोई उत्पादन हुआ और न ही कोई बिक्री हुई। उसने कहा कि मई में मामूली स्तर पर उत्पादन और बिक्री का काम शुरू हो पाया।
कंपनी ने कहा कि उसकी पहली प्राथमिकता उसके कर्मचारियों, उसके ग्राहकों सहित समूची मूल्य सीरीज में उसके सहयोगियों की स्वास्थ्य, सुरक्षा और बेहतरी है। कंपनी ने कहा है कि पूरी सावधानी के साथ तैयार किये गये सुरक्षा नवाचार के साथ शुरू हुआ उत्पादन कार्य पूरी तिमाही में मुश्किल से नियमित कामकाज के दो सप्ताह के ही बराबर हो सका। उसके तिमाही परिणाम को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिये।