Nitin Gadkari On Ethanol Based Fuel: पेट्रोल पर निर्भरता खत्म करने के लिए केंद्रीय रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मंत्री नितिन गडकरी को ग्रीन फ्यूल भरोसा है और वो लगातार इसे बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं. जहां उन्होंने कहा कि भारत में आयात होने वाले कच्चे तेल पर खर्च को काफी कम किया जा सकता है, वहीं ये भी बताया कि इथेनॉल आधारित फ्यूल (Ethanol Based Fuel) से पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा और पेट्रोल के मुकाबले इस ग्रीन फ्यूल की कीमत बहुत कम होगी. मिंट मोबिलिटी कॉन्क्लेव में बात करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि नई तकनीक आ चुकी है जो सुनिचित करती है कि पेट्रोल और इथेनॉल ब्लेंड की क्षमता (केलोरिफिक वेल्यू) समान है.
ईंधन की केलोरिफिक वेल्यू का मतलब होता है पूरा जल जाने पर पेट्रोल कितनी गर्मी पैदा करता है. इथेनॉल मिला पेट्रोल मॉडर्न कारों के लिए सही है या नहीं, ये सुनिश्चित करने के लिए इसमें पेट्रोल जितनी केलोरिफिक वेल्यू होना जरूरी है. गडकरी ने बताया कि रशिया के पास ये तकनीक है और भारतीय अथॉरिटीज इस तकनीक को गहराई से समझ रही हैं. गडकरी ने कहा, “वे (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अधिकारी) और पेट्रोलियम मिनिस्ट्री ने स्वीकार किया है कि ईथेनॉल और पेट्रोल का एवरेज समान हो सकता है. उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में इथेनॉल बनाया जा रहा है और अगले पांच साल में ये पेट्रोल का विकल्प बन जाएगा.”
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ये भी कहा कि सिर्फ पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के मकाबले इथेनॉल ब्लैंड से चलने वाले फ्लैक्स फ्यूल वाहन बहुत किफायती हैं. पेट्रोल की कीमत 120 रुपये प्रति लीटर है, वहीं इथेनॉल 62 रुपये प्रति लीटर है जो इसकी आधी कीमत पर मिलता है. बता दें कि भारत दुनियाभर के सबसे प्रदूषित देशों में एक है कई स्टडीज में सामने आया है कि इथेनॉल जलने के बाद बहुत कम प्रदूषण छोड़ता है. गडकरी ने इस ओर इशारा करते हुए भी ये कहा है कि पर्यावरण के लिए भी इथेनॉल बहुत बेहतर है क्योंकि इसके उपयोग से वाहनों द्वारा फैलने वाले प्रदूषण को रोका जा सकता है.