40 की उम्र में शुरू किया साइकिल चलाना और 45 में रच डाला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, भारतीय है महिला

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अंशुमन साकल्ले
अंशुमन साकल्ले | Senior Special Correspondent
Updated Jun 28, 2022 | 12:25 IST

पुणे की एक महिला प्रीति मस्के ने लेह से मनाली तक दुर्गम मौसम से भरी दूरी 55 घंट 13 मिनट में साइकिल से पूरी की है और करीब 430 किमी की इस यात्रा से उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है.

Priti Maske Guinness World Record For Cycling
45 साल की प्रीति मस्के ने ले से मनाली तक का करीब 430 किमी सफर 55 घंटे 13 मिनट में पूरा किया है (Photo Credit: BROIndia) 
मुख्य बातें
  • पुणे की प्रीति के नाम Guinness World Record
  • 55 घंटे में लेह से मनाली साइकिल से पहुंचीं
  • बीमारी से उबरने के लिए शुरू की साइकिलिंग

Guinness World Record For Cycling: पुणे आधारित महिला ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिससे उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness Book Of World Record) में दर्ज हो गया है. 45 साल की प्रीति मस्के ने ले से मनाली तक का करीब 430 किमी सफर 55 घंटे 13 मिनट में पूरा किया है. प्रीति दो बच्चों की मां हैं और उन्होंने ये रिकॉर्डतोड़ यात्रा 22 जून की सुबह 6 बजे शुरू की थी. इनके नाम गोल्डन क्वाड्रिलेटरल में सबसे तेज महिला साइकिलिस्ट होने का रिकॉर्ड भी दर्ज है जो 6,000 किमी की रेस होती है. बॉर्ड रोड ऑर्गेनाइजेशन (Border Road Organization) यानी बीआरओ (BRO) ने मस्के के इस कारनामे की बहुत सराहना की है.

40 की उम्र में शुरू किया साइकिल चलाना

22 जून को सुबह 6 बजे बीआरओ ने प्रीति मस्के को हरी झंडी दिखाई और बीआरओ के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर गौरव कर्की ने उन्हे लेह से रवाना किया. इस यात्रा का समापन 24 जून को दोपहर 1ः13 मिनट पर मनाली में हुआ जहां बीआरओ के कमांडर कर्नल शबरीश वचाली ने उन्हें रिसीव किया. अपने इस लक्ष्य को हासिल करने पर प्रीति ने कहा कि उन्हें उम्र उनका पैशन पूरा करने के आड़े नहीं आई. उन्होंने कहा, “बीमारी से उबरने के लिए मैंने 40 साल की उम्र में साइकिल चलाना शुरू किया. अगर मैं अपने डर से छुटकारा पा सकती हूं, तो कोई भी महिला पा सकती है.”

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दो बार लेनी पड़ी ऑक्सीजन

मस्के ने इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए जो रास्ता चुना वो 8,000 मीटर उंचाई पर है और इससे पहले इस राह पर 60 घंटे का रिकॉर्ड बनाया गया था जिसे इन्होंने तोड़ा है. ये काफी खतरनाक रास्ता है और यहां इन्हें हाई पासेस पर सांस ना आने की वजह से दो बार ऑक्सीजन लेना पड़ा. इनके अलावा मस्के ने लंबी दूरी तय करने का रिकॉर्ड भी बनाया है. उनके एक क्रू मेंबर आनंद कंसल ने उनके इस कारनामे को सराहते हुए बीआरओ के योगदान पर भी धन्यवाद दिया है जिन्होंने दो सपोर्ट वाहन, सेटेलाइट फोन और मेडिकल असिस्टेंस उन्हें पूरे रास्ते उपलब्ध कराया.

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