सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रलय द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में टू-व्हीलर्स की वजह से 33.8 प्रतिशत सड़क हादसे देशभर में दर्ज किए गए और यह आंकड़ां दूसरे प्रकार के एक्सीडेंट्स में सबसे ज्यादा था। 52,500 टू-व्हीलर्स चालक, हादसों में शामिल थे। इनमें से 10,135 यानी 19 प्रतिशत से भी ज्यादा की मौत हेलमेट न पहनने की वजह से हुई थी। साल 2016 में यूनाइटेड नेशंस मोटरसाइकिल की तरफ से कराए गए एक अध्ययन में बताया गया था कि टू-व्हीलर्स चालकों पर सड़क हादसे का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।
कार चालकों की तुलना में इन पर एक्सीडेंट्स के बाद मौत का खतरा 26 गुना ज्यादा होता है। वहीं इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि अगर चालक सही हेलमेट पहनें तो हादसे में उनके बचने की संभावना 42 प्रतिशत तक बढ़ जाती है और उन्हें चोट लगने की संभावना 69 प्रतिशत तक कम हो जाती है। अब आप समझ सकते हैं कि आपके लिए एक असली हेलमेट खरीदना क्यों जरूरी हो जाता है।
क्या कहते हैं नियम और कितना है चालान
नियम के मुताबिक भी आईएसआई मार्क वाले हेलमेट ही खरीदने चाहिए। मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 129 के मुताबिक हेलमेट आईएसआई मार्क वाला होना चाहिए। यदि किसी दोपहिया वाहन चालक ने नकली या बिना आईएसआई मार्क वाला हेलमेट पहना है, तो उसका चालान बिना हेलमेट वाली धारा के मुताबिक ही कटेगा। यानी 100 रुपए वाला हेलमेट पहनने पर भी 1000 रुपए का ही चालान कटेगा।
नकली हेलमेट लगाने से हो सकती है एलर्जी और सांस लेने में दिक्कत
देश की प्रसिद्ध हेलमेट निर्माता कंपनी Sandhar Amkin के एम डी Ayyushman Mehta के मुताबिक, नकली हेलमेट बनाने वाले निर्माताओं के पास कोई उचित बुनियादी ढांचा नहीं है और वे सभी सुरक्षा मानकों को दरकिनार करते हैं, जिन्हें हेलमेट का निर्माण करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए। वे हेलमेट ISI प्रमाणन के लिए अनुपालन नहीं करते हैं। ये नकली हेलमेट खराब गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग करके बनाए जा रहे हैं जो न केवल बाइकर के जीवन को खतरे में डालते हैं बल्कि यह उनके स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। जैसा कि नकली हेलमेट में इस्तेमाल की जाने वाली कुछ सामग्रियों से एलर्जी हो सकती है और इस तरह के नकली हेलमेट सवारों को सांस लेने की समस्या पैदा करते हैं। डावर की मानें तो सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे और नकली हेलमेट बनाने वालों को बैन करना पड़ेगा। वह मानते हैं कि ऐसे लोगों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर देना चाहिए जो सिर्फ पैसा बनाने के बारे में परवाह करते हैं और उन्हें चालकों के जीवन और सुरक्षा से कोई सरोकार नहीं रखते हैं।
नकली और असली हेलमेट में क्या अंतर है?
डावर ने विस्तार से बताया कि आखिर एक नकली और असली हेलमेट में क्या अंतर होता है।
हेलमेट चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
हेलमेट के अंदर कोई धातु वाला हिस्सा नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे उपयोगकर्ता को चोट लग सकती है।