Know Tyre Life With A Coin: आपकी कार के टायर्स एसा पुर्जा है जो गाड़ी को सड़क से जोड़कर रखता है और इनका बेहतर कंडिशन में रहना आपकी सुरक्षा के लिए बेहद आवश्यक है. टायर्स की स्थिति का सीधा असर गाड़ी के परफॉर्मेंस, माइलेज और राइड क्वालिटी जैसी कई अन्य चीजों पर पड़ता है. ज्यादातर प्रचलित कारों के साथ फैक्ट्री से मिले टायर्स कम से कम 40,000 से 50,000 किमी तक चलने के हिसाब से डिजाइन किए जाते हैं. हालांकि जितना खराब इस्तेमाल टायर का होगा ये उतनी ही जल्दी घिसेगा. क्या आप टायर की उम्र पता करना जानते हैं? एक सिक्के की मदद से आप टायर की लाइफ का पता लगा सकते हैं.
टायर की कंडिशन जांचने के लिए एक रुपये का सिक्का सबसे कारगर होता है. इससे टायर के ट्रेड की गहराई का पता आसानी से लगाया जा सकता है. सिक्का जितना अंदर जाता है ट्रेड उतनी बची होती है और ये आपके टायर की उम्र को दर्शाती है.
टायर की ट्रेड्स में अगर 1 रुपये का सिक्का एक चौथाई अंदर घुसता है तो ये आपकी कार के टायर्स की बेहतर उम्र को दिखाता है. इसके अलावा अगर सिक्का थोड़ी भी अंदर नहीं जा रहा, इसका मतलब आपको टायर बदलने की जरूरत आ चुकी है.
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ये जरूरी है कि वाहन के चारों टायर्स की उम्र आप सिक्के से पता करें. अगर टायर्स का घिसाव एक जैसा नहीं है तो ये अलाइनमेंट की दिक्कत का संकेत है और व्हील बैलेंसिग के जरिए इसे दूर किया जा सकता है.
कार की संतुलन को सबसे अच्छा बनाए रखने के अलावा व्हील बैलेंसिंग और अलाइनमेंट से टायर्स भी सामान्य से ज्यादा सर्विस देते हैं. हर 6 महीने में अलाइनमेंट सही करवाएं और टायर प्रेशर का भी विशेष ध्यान रखें.
नए टायर्स के साथ निर्माता कंपनियां अब टायर वियर इंडिकेटर देने लगी हैं. इसकी जांच करने में ज्यादा झंझट नहीं है, हालांकि टायर ट्रेड की जांच फिर भी करते रहना चाहिए. इन टायर्स के घिसने पर एक पीली पट्टी नजर आने लगती है जिसका मतलब होता है टायर बदलने का समय आ चुका है.