हाइवे पर क्रूज करना काफी लोगों को पसंद आता है। हालांकि, इसके लिए लंबे सयम तक कॉन्स्टेंट स्पीड को मेनटेन करना काफी मुश्किल होता है। इसे अचीव करने के लिए ड्राइवर्स को एक्सेलेरेटर पैडल को लगातार तक प्रेस करने की जरूरत होती है। ऐसा लंबे समय तक करना थका देने वाला होता है। इसी समय आपकी कार का क्रूज कंट्रोल फीचर काम आता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
कारों में क्रूज कंट्रोल क्या होता है?
ये एक सिस्टम है जो ड्राइवर द्वारा सेट की गई स्पीड को बिना किसी बाहरी फोर्स के मेनटेन करता है। ये ऑटोमैटिकली कार की स्पीड को कंट्रोल करता है और ड्राइवर द्वारा सेट की गई स्पीड पर ही व्हीकल को ड्राइव करता है। ये कार स्पीड लिमिट को क्रॉस करने भी नहीं देता है। ये फीचर मॉडर्न कारों में कॉमन है। ये फीचर आपको अफोर्डेबल हैचबैक और सेडान कारों के टॉप वेरिएंट में भी देखने को मिल जाएगा।
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क्रूज कंट्रोल सिस्टम कैसे करता है काम?
किसी कार में क्रूज कंट्रोल व्हीकल की स्पीड को कंट्रोल करने के लिए ड्राइवर के इनपुट की नकल करता है। लेकिन, एक्सेलेरेटर पैडल को लगातार प्रेस करने की जगह कॉन्स्टेंट स्पीड मेनटेन करने के लिए दूसरे मैकेनिज्म का इस्तेमाल करता है।
शुरुआत में ये सिस्टम एक्सेलेरेटर को कंट्रोल करने केलिए केबल का इस्तेमाल करता था। इस मैकेनिज्म को पुरानी कारों में देखा जा सकता है। हालांकि, अब ऑटो इंडस्ट्री में एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ मॉडर्न कारों में क्रूज कंट्रोल सिस्टम पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक हो गया है। केबल की जगह अब ये सिस्टम कम्प्यूटर (ECU - इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट) से कनेक्टेड अलग-अलग सेंसर्स के जरिए थ्रोटल से कम्यूनिकेट करता है।
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ऐसे में जब ड्राइवर स्पीड सेट करता है तो ECU थ्रोटल पोजिशन को कैलकुलेट करता है और वायरलेसली थ्रोटल को इंगेज करता है। ये सिस्टम ड्राइवर द्वारा सेट किए गए स्पीड को लगातार मैनेज करता है। चाहे रोड की कंडिशन कैसे भी हो।