Chandigarh Bribery Scandal: लाखों रुपये रिश्वत लेने और मांगने के आरोप में गिरफ्तार डीएफओ गुरअमनप्रीत सिंह और ठेकेदार हरमहिदर सिंह उर्फ हम्मी पर अब प्रशासन बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। प्रशासन अब आरोपी अधिकारी और ठेकेदार की सभी चल और अचल संपत्तियों की जांच करेगा। इस संबंध में आदेश जारी हो चुका है। इस जांच की जिम्मेदारी भी विजिलेंस को ही सौंपी गई है।
वहीं दूसरी तरफ दोनों आरोपियों को विजिलेंस ब्यूरो ने कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए दोबारा से दो दिन की रिमांड हासिल की है। विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों ने पूछताछ में कई ऐसी संपत्ति की बात स्वीकार्य की है, जो रिश्वत व भ्रष्टाचार के पैसों से खरीदी गई है। ऐसे संपत्तियों की लिस्ट तैयार की जा रही है, जल्द ही दोनों की सभी चल और अचल संपत्तियों की जांच शुरू कर दी जीएगी।
बता दें कि दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी डब्लूडब्लूआइसीएस के डायरेक्टर देवेंद्र सिंह की शिकायत के बाद की गई थी। देवेंद्र सिंह ने शिकायत के साथ एक वीडियो रिकार्डिंग भी विजिलेंस को सौंपी थी, जिसमें डीएफओ फार्म हाउस के लिए दो लाख रिश्वत लेते और एक करोड़ रुपये एकमुश्त रिश्वत मांगते दिख रहे हैं। इसके अलावा जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि, आरोपी डीएफओ दस लाख रुपये मासिक रूप से और हर फार्म हाउस की बिक्री पर पांच लाख रुपये अतिरिक्त अपना हिस्सा मांग रहा था। वहीं गिरफ्तार ठेकेदार इस मामले में मध्यस्थता कराने की कोशिश कर रहा था। पूछताछ के दौरान जांच एजेंसी को अभी कई और खुलासे होने की संभावना है। विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार अब दोनों आरोपियों के द्वारा पिछले छह साल में किए गए लेन देन और दूसरी सभी संपत्ति जांच के घेरे में है। अभी तक किए गए पूछताछ के दौरान आरोपियों के कई ऐसे बैंक खातों, गाड़ियों, जमीन, मकान आदि की जानकारी मिली है, जो संदेह के घेरे में है। जांच के दौरान पिछले छह साल में हासिल की गई सभी संपत्ति और आमदनी का मिलान किया जाएगा। जांच के दौरान जो भी संपत्ति अवैध मिलेगी उसे सीज कर दिया जाएगा।