Anti Narcotics Task Force: उड़ता पंजाब के साथ उड़ता चंडीगढ़ न बन जाए, इसलिए शहर में पहली एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स बनेगी। इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के बीच समझौता हुआ है। चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने अधिकारियों को आदेश दे दिए हैं कि, वो जल्द ही इस पर काम शुरू करें, ताकि शहर में फैल रहे नशे के जाल को तोड़ा जा सके। शहर व आसपास के इलाकों में बढ़ रहे नशे के जाल को तोड़ने के लिए नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) की राज्य स्तरीय बैठक हुई।
फैसला लिया गया कि फैलते नशे को रोकने के लिए चंडीगढ़ में आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में एक एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। बैठक में एनसीबी के डीडीजी (एनआर) ज्ञानेश्वर सिंह ने एनसीओआरडी के एजेंडा पर प्रेजेंटेशन दी। साथ ही चंडीगढ़ में नशे के जाल पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में गृह सचिव नितिन कुमार यादव के अलावा चंडीगढ़ पुलिस, प्रशासन, एनसीबी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
इंटरनेट के माध्यम से चलाए जा रहे नशे के रैकेट को तोड़ने के तरीकों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। फैसला लिया गया कि, चंडीगढ़ की साइबर सेल पुलिस की तरफ से एक समर्पित एंटी डार्क नेट सेल स्थापित किया जाएगा, जो डार्क वेब के माध्यम से नशीली दवाओं के व्यापार की जांच करेगा और चंडीगढ़ में इसके जाल को फैलने से रोकेगा। इस परियोजना में कॉलेज के छात्रों आदि को शामिल किया जाएगा।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि डाक-कूरियर के माध्यम से नशे की तस्करी हो रही है। इसलिए इसे रोकने के लिए व जांच के लिए प्रमुख डाक केंद्रों पर खोजी कुत्तों को तैनात किया जाएगा और स्कैनर लगाए जाएंगे। चंडीगढ़ के सभी पब और रेस्तरां को अनिवार्य रूप से ड्रग-विरोधी साइन प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा संवेदनशील वर्गों को ध्यान में रखते हुए बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
नशीली दवाओं की तस्करी की शिकायतों से निपटने के लिए एनसीबी एक समर्पित कंट्रोल रूम नंबर प्रदान करेगा, ताकि लोग सीधे एनसीबी को शिकायत कर सकें। इसके लिए जल्द काम शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। फैसला हुआ है कि, शहर के मादक पदार्थों की तस्करी के संभावित मार्गों व सीमाओं पर पुलिस की तरफ से नियमित रूप से गश्त की जाएगी। ड्रग्स कानून प्रवर्तन एजेंसियों को नशीली दवाओं की तस्करी को रोकने के लिए विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी।