Chandigarh Traffic Challan: ट्रैफिक नियम तोड़ना पड़ रहा भारी, 6 दिन में 2130 से ज्यादा लोगों के कटे चालान

Chandigarh Traffic Challan: चंडीगढ़ में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर अब चालाना सीधे घर पहुंच रहा है। शहर की सड़कों पर लगे 2000 हाईटेक सीसीटीवी कैमर 24 घंटे ट्रैफिक पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। 6 दिन के अंदर 2130 वाहनों का चालान हो चुका है।

Chandigarh Traffic Challan
ई चालान के चलते ट्रैफिक नियम तोड़ने के मामलों में आएगी कमी   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • चंडीगढ़ में अब सीसीटीवी कैमरे कर रहे चालान
  • यहां सबसे ज्‍यादा चालान ओवर स्‍पीड के
  • दो दिन में सीधे घर पहुंच रहे चालान

Chandigarh Traffic Challan: चंडीगढ़ में अब ट्रैफिक नियम तोड़ना लोगों को भारी पड़ रहा है। सीसीटीवी कैमरों से चालान शुरू होने के 6 दिनों के अंदर ही 2130 वाहनों के चालान कट चुके हैं। इनमें सबसे ज्‍यादा 1540 चालान ओवर स्‍पीड के काटे गए हैं। वहीं रेड लाइट जंप करने पर 570 चालान काटे गए हैं। बता दें कि, सेक्टर-17 स्थित इंटिग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर में इन कैमरों का कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने  27 मार्च को किया था। अभी तक चंडीगढ़ में ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जिम्‍मेदारी यहां की ट्रैफिक पुलिस संभाल रही थी, लेकिन अब ट्रैफिक रूल्स की वॉयलेशन करने पर सीधा ई-चालान घर पहुंच रहा है।

लगाए गए हैं 2000 हाईटेक कैमरे

चंडीगढ़ की सड़क पर नजर रखने के लिए 2000 हाईटेक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे शहर की सभी मुख्य सड़कों को एंट्री एग्जिट प्वाइंट को कवर करते हैं। ऐसे में ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों पर नजर रखना अब आसान हो गया है। अब रात के अंधेरे में भी ये हाईटेक कैमरे अपना काम करते हैं। जिससे शहर की सड़कों पर वाहन चालकों को दिन ही नहीं बल्कि रात में भी नियमों का पालन करना पड़ रहा है।

एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम से ई-चालानिंग

इन कैमरों से पुलिस और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों पूरे शहर पर पैनी नजर रखने में सक्षम हो गए हैं। वहीं 40 महत्वपूर्ण जंक्शन पर एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसीएस) पर कैमरा के जरिये ई-चालानिंग भी हो रही है। इनकी पकड़ में आने वाले व्हीकल वॉयलेटर के घरों पर अगले दो दिन में चालान पहुंच रहा है। इस प्रक्रिया में पहले कमांड कंट्रोल सेंटर से एनआइसी लिंक होता है। इसके बाद गाड़ी के मालिक को लोकेट करके पुलिस कंट्रोल रूम के जरिये चालान घर पहुंचता है। इसमें ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजेशन (एएनपीआर), रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) और ओवर स्पीड डिटेक्शन सिस्टम (ओएसडीएस) कैमरे मुख्‍य भूमिका निभा रहे हैं।

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