Parking Problem: चंडीगढ़ में हजारों वाहन सड़कों पर दौड़ते हैं। बाहर से लोग आ जाते हैं तो इनकी संख्या कहीं ज्यादा हो जाती है। ऐसे में शहरवासियों को ट्रांसपोर्टेशन में काफी दिक्कत होती है। ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। जगह न होने के कारण कई बार पार्किंग भी नहीं मिलती।
इस समस्या का समस्या करने के लिए अब चंडीगढ़ प्रशासन एक नई व्हीकल्स रजिस्ट्रेशन पाॅलिसी बनाने जा रहा है, ताकि गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन की संख्या कम हो सके। ट्रैफिक जाम खत्म करने के लिए प्रशासन मोबिलिटी प्लान पर काम कर रहा है। गुरुवार को एडवाइजर धर्मपाल ने चंडीगढ़ के ट्रैफिक को लेकर और मोबिलिटी प्लान को लेकर मीटिंग की।
RITES को सौंपा सर्वे का काम
एडवाइजर धर्मपाल ने मीटिंग में व्हीकल्स रजिस्ट्रेशन के लिए पाॅलिसी का ड्राफ्ट बनाने के निर्देश दिए। प्रशासन ने रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकाॅनमिक सर्विस लिमिटेड (राइट्स) कंपनी को शहर में सर्वे का काम सौंपा है। इस काम में अब ब्रिटिश काउंसिल भी सहयोग देगा। पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के साधन तलाशने में ब्रिटिश काउंसिल एक समानांतर सर्वे कराएगा। सर्वे के लिए दिल्ली स्थित ICS कंसल्टेंट कंपनी को चुना गया है। वह राइट्स कंपनी के साथ काम करेगी। इसके लिए खर्च भी काउंसिल ही उठाएगा।
कई विभाग करेंगे मिलकर काम
एडवाइजर धर्मपाल ने कहा है कि पॉलिसी बनाने के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट और अर्बन प्लानिंग डिपार्टमेंट के अफसर मिलकर काम करेंगे। वे एक ड्राफ्ट बनाकर पब्लिक डोमेन में डाल देंगे। इस पर लोगों से सुझाव लिए जाएंगे और उन पर काम करके पॉलिसी को फाइनल कर दिया जाएगा। मकसद शहर को कार्बन मुक्त करने और क्लाइमेट चेंज एजेंडे में अपना योगदान देना है। इससे इको फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट सिस्टम का विकल्प तलाशने में भी मदद मिलेगी।
मोनो, मेट्रो रेल या अन्य ट्रांसपोर्ट
एडवाइजर धर्मपाल के अनुसार, राइट्स कंपनी पिछले कुछ हफ्तों से चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला में विस्तृत ट्रैफिक एंड ट्रेवल सर्वे कर रही है, जिसकी रिपोर्ट मई महीने के आखिर में सौंपी जाएगी। यह सर्वे कराया जा रहा है, ताकि विकल्प मिले कि शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए मोनो रेल चले, मेट्रो रेल दौड़े या अन्य कोई विकल्प बेहतर होगा। रिपोर्ट के आधार पर ही प्रशासन इस दिशा में आगे बढ़ेगा।
चंडीगढ़ में 12.2 लाख पंजीकृत वाहन
प्रति व्यक्ति वाहन के मामले में चंडीगढ़ देशभर में अव्वल है। शहर में 12.2 लाख पंजीकृत वाहन हैं। हर 2 महीने में 10 से 15 हजार वाहन पंजीकृत होते हैं। हर परिवार के पास करीब 4 वाहन हैं। हर साल 45 हजार नए वाहन सड़कों पर उतरते हैं। दिल्ली, हरियाणा या अन्य राज्यों की तुलना में यहां कम दाम पर दो नंबर की गाड़ियां मिल जाती हैं। राइट्स कंपनी चंडीगढ़ में दाखिल होने वाले वाहनों के फ्लो का भी अध्ययन करेगी। रजिस्टरिंग व लाइसेंसिंग अथॉरिटी (आरएलए) और स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एसटीए) में तब से अब तक पंजीकृत वाहनों की संख्या को देखेगी।