Chandigarh Smart City: चंडीगढ़ देश के टॉप 11 ईट स्मार्ट सिटीज में शामिल, इन मोर्चों पर सुधार कर हासिल की जीत

Eat Smart Cities Challenge: चंडीगढ़ को देश के टॉप 11 ईट स्मार्ट सिटीज में शामिल किया गया है। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में पुरस्कार भी मिला है। यह सफलता चंडीगढ़ के खाद्य सुरक्षा प्रशासन के उचित मार्गदर्शन के बदौलत मिली है।

Eat Smart City Challenge
चंडीगढ़ देश के टॉप 11 स्मार्ट ईट शहरों में शामिल (प्रतीकात्मक)  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • केंद्र शासित प्रदेशों की खाद्य सुरक्षा की सूची में चंडीगढ़ को तीसरा स्थान मिला
  • विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर नई दिल्ली में मिला पुरस्कार
  • ईट स्मार्ट सिटीज चैलेंज को अप्रैल 2021 में किया गया था शुरू

Eat Smart Cities Challenge: चंडीगढ़ खाद्य सुरक्षा प्रशासन की पहल का लाभ पूरे चंडीगढ़ को मिला है। खाद्य सुरक्षा की दिशा में उठाए गए विभिन्न कदमों की वजह से चंडीगढ़ ने तीन पुरस्कार जीते हैं।  पहला देश के शीर्ष 11 ईट स्मार्ट शहरों में चंडीगढ़ शामिल हुआ, दूसरा ईट राइट चैलेंज में अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए उत्कृष्टता का प्रमाण पत्र मिला, और राज्य खाद्य सुरक्षा में केंद्र शासित प्रदेशों में देश में तीसरा स्थान मिला है। यह पुरस्कार विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया द्वारा दिए गए हैं।

बता दें कि ईट स्मार्ट सिटीज चैलेंज को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा अप्रैल, 2021 में एफएसएसएआई के सहयोग से शहर के स्तर पर ईट राइट इंडिया के दृष्टिकोण को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था। इसका प्राथमिक उद्देश्य भोजन से संबंधित एक स्वस्थ, सुरक्षित और टिकाऊ खाद्य वातावरण को बनाना और इन योजनाओं को विकसित करने के लिए स्मार्ट शहरों को आगे बढ़ाना है। देश के 36 शहरों ने अपने स्कोरकार्ड जमा किए थे।

कुपोषण ही नहीं मोटापे को लेकर भी रहें सतर्क

स्वास्थ्य सेवा की निदेशक डॉ. सुमन सिंह ने कहा कि हमें बहुत गर्व है कि चंडीगढ़ ग्यारह विजेता शहरों में से एक है। हम सभी के उचित पोषण पर ध्यान देना चाहते हैं। सिर्फ कुपोषण पर ही नहीं, मोटापे पर भी फोकस होना चाहिए। हमें स्वस्थ भविष्य के लिए स्कूलों और कॉलेजों में अपने बच्चों की निगरानी करने की जरूरत है। पच्चीस साल पहले, संक्रामक रोग प्रचलित थे और इससे मृत्यु दर बहुत अधिक थी। आज उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग जैसे गैर-संचारी रोग युवा पीढ़ी को भी प्रभावित कर रहे हैं। हमारी मोबाइल वैन लोगों को हल्दी, मिर्च, दूध जैसे सामान्य खाद्य पदार्थों का परीक्षण करने में मदद करती है और हम लोगों को स्वस्थ खाना बनाना और अपने दैनिक आहार में बाजरा का उपयोग करना सिखाने के लिए कई कार्यशालाएं भी आयोजित कर रहे हैं।

संयुक्त प्रयासों से मिली सफलता

चंडीगढ़ खाद्य सुरक्षा के एक अधिकारी सुखविंदर सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष, शहर कई लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम रहा है, सबसे महत्वपूर्ण पहल 'रिपरपज यूज्ड कुकिंग ऑयल' (आरयूसीओ) रही है। यह पहल इस्तेमाल किए गए खाना पकाने के तेल के निपटान और संग्रह की प्रक्रिया शुरू करने और इस तेल को बायो-डीजल में बदलने का प्रयास करती है। “हम  व्यवसाय में लोगों को पुराने तेल का उपयोग न करने को जागरूक करने के लिए कई अभियान चला रहे हैं। इन्ही प्रयासों के चलते चंडीगढ़ को यह शीर्ष 11 का पुरस्कार मिल सका है।"

अगली खबर