Chandigarh News: चंडीगढ़ के लोगों को जल्द ही पेट्रोल-डीजल जैसे ईंधन से चलने वाले वाहन खरीदते समय जेब को और अधिक ढीला करना पड़ सकता है। क्योंकि प्रशासन वाहनों के रजिस्ट्रेशन कराते समय अब इलेक्ट्रिक व्हीकल सेस वसूलेगा। ईवी सेस कितना वसूला जाएगा यह अभी तक नहीं है। हालांकि यह वाहनों के अनुसार 1000 से 5000 रुपए के बीच हो सकता है। यह सेस पहले से निर्धारित खर्च में जोड़कर नया वाहन पंजीकृत करते समय लिया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार यूटी प्रशासन द्वारा यह ईवी सेस इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए लगाया जाएगा। इससे जो टैक्स जुटेगा उससे इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के समय लोगों को इंसेंटिव दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार हो गया है। इसे मंजूरी के लिए पहले गृह मंत्रालय भेजा जाएगा। जिसके बाद नोटिफिकेशन जारी होगा।
इस पॉलिसी ड्राफ्ट में वाहन से ईवी सेस कैटेगरी वाइज वसलूने का प्लान बनाया गया है। प्रशासन के अनुसार ईवी वाहनों की खरीद पर दिए जाने वाले इंसेंटिव की पूर्ति ईवी सेस से हो सकेगी।
बता दें कि यूटी प्रशासन ने इससे पहले शराब और बिजली पर भी ईवी सेस लगाने की घोषणा की है। इसका फैसला इस वित्त वर्ष किया गया और अगले वर्ष से यह लागू हो जाएगा। अगले वर्ष से लोगों को प्रति बोतल दो से 40 रुपये सेस देना होगा। इसी तरह बिजली के बिल पर भी ईवी सेस लगाया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार चंडीगढ़ में हर माह करीब पांच हजार वाहन बढ़ जाते हैं। ईंधन से चलने वाले इन वाहनों की संख्या को कम कर ई वाहनों को बढ़ावा देने के लिए यह ईवी सेस लगाया जा रहा है। प्रशासन का लक्ष्य है कि अगले पांच साल में चंडीगढ़ के अंदर 80 फीसदी वाहन इलेक्ट्रिक चलें। वहीं अगले तीन वर्षों में दो पहिया वाहनों को शत प्रतिशत इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रशासन वर्ष 2030 तक चंडीगढ़ को जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला शहर बनाना चाहता है।