Chandigarh news: चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) द्वारा आवंटित फ्लैट को जिन लोगों ने किराये पर चढ़ा रखा है या फिर बेच दिया, उन्हें अब इसका बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है। सीएचबी ने अपने पुनर्वास योजना, अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम और स्माल फ्लैट स्कीम के जरिए अलग-अलग एरिया में आवंटित 17 हजार फ्लैट का सर्वे किया है। इस सर्वे में यह देखा जाएगा कि इन मकानों में अलॉटी और उनका परिवार रह रहा है या फिर कोई अन्य। अगर किसी फ्लैट में अलॉटी की जगह कोई दूसरा रहता पाया गया तो इसे वायलेशन माना जाएगा। ऐसे केस में फ्लैट की अलॉटमेंट रद्द कर मकान पर सीएचबी वापस कब्जा ले सकता है।
सीएचबी ने यह सर्वे सोमवार से शुरू किया है। सर्वे शुरू होते ही सीएचबी के सभी हाउसिंग कांप्लेक्स में हलचल मच गई है। बताया जा रहा है कि इस सर्वे की जानकारी मिलने के बाद से बहुत मकानों में शिफ्टिंग का दौर चल रहा है। ये वो अलाटी हैं जो सीएचबी से मकान लेने के बाद उसे या तो आगे ट्रांसफर कर दिया या फिर बेच या रेंट पर दे रखा है। ऐसे लोग अब अपने फ्लैट को बचाने की कोशिश कर रहे। हाउसिंग बोर्ड अधिकारियों ने अपने इस सर्वे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अगर असली अलॉटी मकान में रहते नहीं मिला तो अलॉटमेंट रद्द कर दिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि सीएचबी द्वारा अलॉट किए गए फ्लैट को न तो किसी दूसरे को बेचा या ट्रांसफर किया जा सकता है और न ही किसी को सौंपा या किराये पर उठाया जा सकता है। अगर किसी ने ऐसा किया है तो यह सीधे तौर पर नियम व शर्तों की उल्लंघन है। इसे सीएचबी फ्रॉड और चीटिंग की तरह आपराधिक मामला मानता है। सीएचबी की टीम सर्वे में देखेगी कि फ्लैट में अलॉटी और उसका परिवार रह रहा है या नहीं। सर्वे के समय अलॉटी को अपनी पहचान के लिए कोई आईडी कार्ड दिखाना होगा। अगर कहीं पर दोस्त, रिश्तेदार या अन्य रहता मिला तो इसे वायलेशन मानकर कार्रवाई की जाएगी।