Chandigarh News: चंडीगढ़ की सीबीआई कोर्ट में करोड़ों की धोखाधड़ी मामले की सुनवाई चल रही थी। इस केस में आरोपी एक मां-बेटे जज के सामने अपना पक्ष रख रहे थे। सबकुछ रूटीन केस की तरह चल रहा था कि तभी एक शख्स कोर्ट में दाखिल हुआ और बोला- माई लॉर्ड...ये मां-बेटे कोर्ट को झूठ बोलकर गुमराह कर रहे हैं। इन लोगों ने जाली दस्तावेज तैयार कर मुझे अपना जमानती दिखाया है, जबकि मैं इन लोगों को जानता तक नहीं। यह झूठ सामने आने के बाद जज सख्त हो गए और तत्काल दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने का निर्देश दे दिया।
दरअसल, एक बैंक से 9 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले के आरोपी मां-बेटे मधु वर्मा और शोभित वर्मा सीबीआई की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपना बयान देने पहुंचे थे। दोनों इस मामले में अभी जमानत पर बाहर चल रहे थे। यह जमानत ही जाली दस्तावेजों को पेश कर ली गई थी। दोनों ने जिस शख्स के नाम पर जमानत ली थी। उसे कहीं से इसकी जानकारी मिल गई और वह सीधे कोर्ट पहुंच गया। उसने जज को बताया कि न तो वह इन आरोपितों को जानता है और न ही कभी जमानत लेने के लिए कोर्ट आया।
दोनों द्वारा कोर्ट को गुमराह कर धोखे से जमानत लेने का पता चला। जिसके बाद कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए दोनों के खिलाफ मामला दर्ज फिर से जेल भेजने का निर्देश दे दिया। बता दें कि सेक्टर-34 स्थित एक बैंक से 9 करोड़ों की धोखाधड़ी मामले में मधु वर्मा और शोभित वर्मा आरोपी है। वहीं इस धोखाधड़ी का मुख्य आरोपी महिला का भाई विकास वालिया है। जो अभी भी जेल में बंद है। मधु और शोभित दोनों पिछले साल जमानत पर बाहर आए थे और तब से पेशी से बचते रहे। जिसके कारण कोर्ट द्वारा इन्हें जमानत देने वाले जमानती बरवाला निवासी संजीव कुमार को भी नोटिस भेजा गया। पेशी पर कोर्ट पहुंचे संजीव ने कोर्ट को बताया कि वह न तो इन दोनो को जानता है और न ही उसने दोनों की जमानत दी है। संजीव ने बताया कि इन दोनों ने मेरे नाम पर फर्जी कागजात तैयार कर जमानत कराया है।