Chandigarh MC: चंडीगढ़ के लोग अब टर्शरी वाटर का उपयोग कार धोने से लेकर कृषि कार्यों तक में कर सकेंगे। इसके लिए नगर निगम अपने 8 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को अपग्रेड कर रहा है। इसमें से 5 पर अपग्रेशन का कार्य लगभग पूरा भी हो गया है, वहीं बाकि का कार्य भी फरवरी तक पूरा हो जाएगा। जिसके बाद इन एसटीपी से निकलने वाले पानी का बायो ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 5 से भी कम हो जाएगी। जिसके बाद इनका उपयोग कार धोने से लेकर कृषि कार्यों में किया जा सकेगा।
निगम अधिकारियों ने बताया कि, इसके साथ ही शहर में उन जगहों पर टर्शरी वाटर सप्लाई लाइन नहीं भी डाली जाएगी, जहां पर ये अभी नहीं है। जिसके बाद सभी जगहों पर टर्शरी वाटर आपूर्ति शुरू हो जाएगी। वहीं मेयर सरबजीत कौर ने बताया कि, अभी तक एसटीपी अपग्रेड नहीं थे, इसलिए टर्शरी वाटर से दुर्गंध आती थी, लेकिन अब यह समस्या नहीं होगी, इनसे लोगों को साफ पानी मिल सकेगा। बता दें कि, यह कार्य अमृत योजना के तहत किया जा रहा है, चंडीगढ़ को इस योजना के तहत चार साल में 180 करोड़ रुपये मिलने हैं।
मेयर सरबजीत कौर ने बताया कि, इन 8 एसपीटी से काफी वाटर मिलने की उम्मीद है। अगर शहर में अतिरिक्त वाटर रहा तो यहां की इंडस्ट्रीज, कंपनी और कृषकों से पानी देने की बात करेंगे। उसके बाद भी अगर पानी बचता है, तो इसे पंचकूला और मोहाली की इंडस्ट्रीज से बात कर वहां भी सप्लाई किया जाएगा। बता दें कि, चंडीगढ़ में वर्ष 1992 में टर्शरी वाटर की पाइपलाइन डाली गई थी। धीरे-धीरे इसमें विकास करते हुए इसे राजेंद्र पार्क और सेक्टर 47 तक लाया गया। इसके साथ 1 एमजी की क्षमता वाले सेक्टर 48 व 28 में एक और 29 में 2 टैंक बनाए गए। अधिकारियों का कहना है कि, अब इस पाइप लाइन को पूरे शहर में डाला जाएगा।