Chandigarh News: चंडीगढ़ साइबर सेल थाना पुलिस ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर चार शातिरों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं के साथ ठगी करता था। इन आरोपियों की पहचान यूपी के मेरठ जिले के सरधना गांव निवासी पंकज, अरुण त्यागी, अमरोहा निवासी अलोक कुमार और दिल्ली के शाहदरा निवासी मृणाल शर्मा के रूप में हुई है। इन आरोपियों के पास से पुलिस ने 13 टेलीफोन, दो लैपटॉप, दो मोबाइल, अलग-अलग बैंकों के कई डेबिट कार्ड और अन्य सामान बरामद किए हैं। पुलिस ने चारों को अदालत में पेश कर तीन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया और मुख्य आरोपी अलोक की तीन दिन का रिमांड हासिल की है।
साइबर सेल के एसपी केतन बंसल ने बताया कि, कुछ दिन पहले रामदरबार निवासी युवती ने नौकरी के नाम पर 90 हजार रुपये की धोखाधड़ी के शिकायत दी थी। जिसके बाद इंस्पेक्टर हरिओम शर्मा के नेतृत्व में एक जांच टीम बनाई गई। इस पुलिस टीम ने जब आरोपियों के बैंक खातों और सिम कार्ड की डिटेल्स खंगाली तो इनके नोएडा में होने की जानकारी मिली। यहां पर आरोपी एक बिल्डिंग में फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। इन आरोपियों ने ठगी के लिए आठ कर्मचारियों को भी रखा हुआ था। पुलिस ने इस गिरोह के मास्टर माइंड मृणाल शर्मा और अलोक कुमार को बताया है।
साइबर सेल ने बताया कि ये आरोपी गरीब लोगों को चार से पांच हजार रुपये का लालच देकर उनके नाम पर सिम निकाल लेते थे और रोजाना एक सिम का इस्तेमाल कर उसे कुछ माह के लिए बंद कर देते थे। वहीं आरोपी पंकज और अरुण त्यागी लोगों के बैंक खाते उपलब्ध करवाते थे। इसके लिए उन्हें भी 5 हजार रुपये मिलते थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह गिरोह रोजाना करीब एक हजार लोगों को कॉल करता था। इसमें से 5 से 10 लोग इनके झांसे में आ जाते थे। इन आरोपियों ने जॉब दिलाने वाली एक कंपनी से लाखों बेरोजगार युवाओं का डाटा खरीदा था।