Chandigarh Park Light: चंडीगढ़ के सभी पार्क अब इस खास लाइट से होंगे रोशन, बचेंगे निगम का लाखों रुपए

Chandigarh Park Light: चंडीगढ़ के सभी पार्क अब एनर्जी एफिशिएंट लाइटों से रोशन किए जाएंगे। इसके लिए नगर निगम ने योजना तैयार कर ली है। अगले माह जापानी गार्डन में 6.35 लाख रुपये से ये लाइटें लगाई जाएंगी। यहां पर पायलट प्रोजेक्‍ट सफल होने के बाद शहर के सभी पार्कों में ये लाइट लगाई जाएगी। इस योजना के लिए निगम ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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चंडीगढ़ का जापानी पार्क   |  तस्वीर साभार: फेसबुक
मुख्य बातें
  • चंडीगढ़ के पार्क अब रोशन होंगे एनर्जी एफिशिएंट लाइटों से
  • सेक्‍टर- 31 स्थित जापानी पार्क से शुरू होगा योजना का पायलट प्रोजेक्‍ट
  • इस योजना से लाखों रुपए की बचत के साथ मिलेगी बेहतर रोशनी

Chandigarh Park Light: चंडीगढ़ के पार्कों को रोशन करने में प्रतिमाह होने वाले लाखों रुपये के खर्च से निजाता पाने के लिए नगर निगम ने खास योजना बनाई है। निगम अब शहर के सभी पार्कों में एनर्जी एफिशिएंट लाइटें लगाने जा रहा है। ये लाइटें जहां पहले से लगी लाइटों की तुलना में आकर्षक होंगी, वहीं इनकी रोशनी भी बेहतर होगी। इसके अलावा यें लाइटें हर माह लाखों रुपये बिजली बिल की बचत भी करेंगी। नगर निगम की फाइनेंस एंड कांट्रैक्ट कमेटी ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। अब इसकी टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

नगर निगम इस योजना की शुरुआत जापानी गार्डन से करेगा। निगम ने अनोखी शुरुआत करने की योजना तैयार की है। सेक्टर-31 स्थित जापानी गार्डन जून माह में 6.35 लाख रुपये खर्च कर सोलर से जेनरेट होने वाली इन लाइटों को लगाएगा। अभी यह निगम का पायलट प्रोजेक्ट। इसके सफल होने के बाद शहर के सभी पार्कों में भी ऐसे ही लाइट लगाई जाएंगी। निगम अधिकारियों के अनुसार, इससे जहां पार्क पहले से अधिक बेहतर तरीके से रोशन हो सकेंगे, वहीं निगम को भी सालाना लाखों रुपये का फायदा होगा।

चंडीगढ़ प्रशासन का सोलर लाइट पर जोन

बता दें कि, इस समय चंडीगढ़ प्रशासन पूरे चंडीगढ़ में सोलर एनर्जी जेनरेट करने पर जोर दे रहा है। इसके लिए सभी गवर्नमेंट और प्राइवेट ऑफिस अपने प्रिमाइसिस की छत पर सोलर पावर प्रोजेक्ट लगा रहे हैं। वहीं प्रशासन ने भी नियम बनाकर 500 गज या इससे अधिक एरिया की बिल्डिंग पर सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाना अनिवार्य कर दिया है। हालांकि अभी ली लोगों में जागरूकता की कमी है, यही कारण है कि, प्रशासन द्वारा हाल ही में कराए गए एक सर्वे में पता चला है कि, शहर के अंदर अभी भी तीन हजार से अधिक ऐसी कोठियां हैं, जिन पर यह प्रोजेक्ट नहीं लगा है। अब प्रशासन ऐसे लोगों को एस्टेट ऑफिस बिल्डिंग बायलाज के तहत वायलेशन के नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है।

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