Chandigarh News: देश और विदेश के साइबर अपराधियों के अटैक को झेल रहे चंडीगढ़ के लोगों के लिए राहतभरी खबर है। शहर में साइबर क्राइम पर रोक लगाने और ऐसे अपराधियों को दबोचने के लिए साइबर सोल्जर्स की फौज तैयार कर रही है। चंडीगढ़ पुलिस ने इन सोल्जर्स को ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है। जल्द ही 389 साइबर सोल्जर्स साइबर अपराध के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर देंगे।
बता दें कि, डिजिटल ट्रांजेक्शन में चंडीगढ़ पूरे देश में नंबर-1 है। जिस तरह से यहां पर डिजिटलीकरण हुआ है उसी तरह यहां पर साइबर क्राइम के मामले भी बढ़े हैं। इस शहर में अब तक चीफ जस्टिस से लेकर आईएएस और आईपीएस जैसे उच्च अधिकारियों के नाम पर ठगी की कोशिश हो चुकी है। इसके अलावा शहर में प्रतिदिन साइबर ठगी के कई मामले आ रहे हैं। इसे रोकने के लिए यूटी पुलिस ने खास प्लान तैयार किया है।
चंडीगढ़ पुलिस द्वारा इस समय साइबर बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स को विशेष ट्रेनिंग देकर उन्हें साइबर सोल्जर्स बनाया जा रहा है। इन छात्रों को साइबर एक्सपर्ट्स एजुकेशन पुलिस ऑफिसर के सुपरविजन में ट्रेनिंग मिल रही है। एसपी साइबर केतन बंसल ने बताया कि, इस समय 389 छात्रों का संपूर्ण साइबर तकनीकी शिक्षा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस बैच में पंजाब यूनिवर्सिटी, एमसीएम डीएवी-36, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज सहित कई अन्य कॉलेज के छात्र शामिल हैं। ट्रेनिंग के दौरान इन छात्रों को इंटरनेट मीडिया एनालिटिक्स, इंटरनेट मीडिया अपराध और उन्हें रोकने के तरीके, साइबर उपकरणों का उपयोग, साइबर से जुड़े कानून और साइबर फॉरेंसिक के बारे में जानकारी दी जा रही है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार ये सोल्जर बीट बॉक्स पुलिस की मदद से अपने एरिया के आधार पर लोगों को साइबर अपराध से बचाव के बारे में जागरूक करेंगे। साथ ही ये इंटरनेट मीडिया के उपयोग, साइबर अपराध का सर्वे, साइबर पेट्रोलिंग और साइबर क्राइम से बचाव के साथ इंटेलिजेंस जुटाने का काम भी करेंगे। इन सभी ट्रेंड साइबर सोल्जर्स को दो से छह माह के ट्रेनिंग के बाद पुलिस और इनफोसिस की तरफ से सर्टिफिकेट भी प्राप्त होगा। एक-एक सोल्जर्स को तकरीबन 250 लोगों से संपर्क करने का लक्ष्य दिया गया है।