Chandigarh Crime: शहर के सेक्टर-38 में स्थित मोटर मार्केट में पर फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स लगाने के मामले का भंडाफोड़ हुआ है। यहां पर रजिस्ट्रिंग एंड लाइसेंसिग अथॉरिटी द्वारा तय रेट से 10 गुना ज्यादा पैसा वसूलकर वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट्स लगाई जा रहा था। डिस्ट्रिक क्राइम सेल की टीम ने इस गोरखधंधे को चला रहे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। है। आरोपित की पहचान सेक्टर-41 निवासी 36 वर्षीय तुषार अग्रवाल के रूप में हुई है। दुकान की तलाशी के दौरान वहां पर पुलिस को 40 फर्जी नंबर प्लेट, पंचिग कम्प्यूटर, की-बोर्ड, प्लेट बनाने वाली डाई, रैबिट मशीन, प्लाटर सहित अन्य सामान बरामद हुए हैं। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी को जिला अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए दो दिन की रिमांड हासिल की है।
पुलिस की यह कार्रवाई एसएसपी कुलदीप सिंह चहल के निर्देश पर की गई। डीसीसी के इंचार्ज नरिदर पटियाल ने बताया कि, कुलदीप सिंह व उनकी टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि, सेक्टर-38 वेस्ट स्थित मोटर मार्केट में फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) बनाने का फर्जीवाड़ा किया जाता है। इसके बाद पुलिस टीम इस खबर की पुष्टि की और फिर इस अवैध करोबार को करने वाले को दुकान से ही गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि, कई बार लोग पुलिस से या चालान से बचने के लिए इस तरह का फर्जी नंबर प्लेट लगा लेते हैं। बदमाश भी इस तरह के फर्जी नंबर प्लेट का प्रयोग किसी वारदात को अंजाम देने के लिए करते हैं। आरोपित से पूछताछ में पता चला है कि, यह चंडीगढ़ वासियों को फर्जी नंबर प्लेट देने के बदले 1200 रुपये और दूसरे राज्यों के लोगों से 1500 से 2000 रुपये की वसूली करता था। वहीं आरएलए सीरीज में दो पहिया के हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए 160 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 360 रुपये चार्ज करता था। पुलिस ने बताया कि, आरोपित तुषार वर्ष 2002 से सेक्टर 38 में गाड़ियों की नंबर प्लेट बनाने का कार्य कर रहा है। अब यह सही कार्य करता था, लेकिन पिछले एक साल से यह ज्यादा पैसे कमाने के लालच में फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने लगा। आरोपी ने फर्जी नंबर प्लेट बनाने के लिए बाकायदा डाई बना रखी थी। आरोपी के पास से जो फर्जी नंबर प्लेट मिली हैं, उनमें चंडीगढ़ के अलावा पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के भी नंबर हैं।