Chandigarh News: चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों व उनके अभिभावकों के लिए खुशखबरी है। कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो सालों से बंद किया गया मिड डे मील अब फिर से शुरू होने जा रहा है। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। मई माह के अंत तक स्कूल के अंदर मिड डे मील बच्चों को मिलने लगेगा। इसके साथ ही यह अब होटलों के बजाए स्कूल की रसोई में ही बनेगा। स्कूलों में रसोई को चलाने की जिम्मेदारी स्कूल शिक्षक को दी जाएगी। स्कूल रोजाना मेन्यू बनाने से लेकर खाना तैयार करवाने और उसके बाद स्टूडेंट्स को खिलाने तक पूरे शेड्यूल को मेंनटेन करेगा।
बता दें कि, कोरोना शुरू होने के बाद से मिड डे मील की व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कोरोना से पहले चंडीगढ़ के स्कूलों में मिलने वाला मिड डे मील शहर के विभिन्न होटलों में तैयार होकर स्कूलों पहुंचता था। जिसके बाद यह बच्चों को परोसा जाता था। कोरोना शुरू होने के बाद स्कूल के साथ मिड डे मील भी पूरी तरह से बंद हो गया। अब फिर से इसे शुरू किया जा रहा है। चंडीगढ़ में मीड डे मील का खाना प्रतिदिन दिन अलग-अलग राज्यों के पकवानों के अनुरूप बनाया जाएगा।
मिड डे मील शुरू होने के बाद शहर के 116 सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 70 हजार स्टूडेंट्स को इसका फायदा मिलेगा। बता दे कि, अभी राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत 14 वर्ष तक स्टूडेंट्स को किताब, वर्दी से लेकर एक समय का खाना फ्री में दिया जाता है। शहर के स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या करीब 70 हजार है, जिसके लिए मिड डे मील तैयार होगा।
मिड डे मील को मई के अंतिम सप्ताह में शुरू करने का मुख्य कारण स्कूल में चलने वाली किचन की मेंटेनेंस और चेकिंग है। बता दें कि, एक जून से चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल में 37 दिनों की गर्मियों की छुट्टियां होंगी। छुट्टियों के समय मिड डे मील रसोई की कमियों को बेहतर किया जाएगा इसके लिए यह रसोई मई महीने के अंतिम सप्ताह में शुरू करने की प्लानिंग हुई है। ऐसे में मई माह के अंत में मिड डे मील शुरू करने पर ज्यादा दबाव नहीं होगा।