Chandigarh Entry Tax: मंदी के हालात से गुजर रहा चंडीगढ़ नगर निगम इस समय अपनी आय बढ़ाने के लिए नए-नए रास्ते तलाशने की कोशिश कर रहा है। इस समय जहां शहर के प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टरों पर नकेल कसने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, वहीं अब निगम ने आय के लिए कई नए सोर्स की तलाश की है। निगम अब दूसरे राज्यों से चंडीगढ़ आने वाले वाहनों पर एंट्री टैक्स लगाने की तैयारी कर रहा है, इसका प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है। जिसके अनुसार निजी वाहन चालकों को छोड़ कर बाकी के कामर्शियल, कैब और टैक्सी वाहनों से यह शुल्क वसूल किया जाएगा।
नगर निगम अधिकारियों का मानना है कि, इस एंट्री टैक्स से निगम को हर माह करोड़ों रुपये की कमाई होगी। इससे शहर के डेवलपमेंट के कार्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी, हालांकि निगम की इस योजना को लेकर लोगों ने विरोध भी शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि, इससे टैक्सी व समानों की कीमतों में वृद्धि होगी। जिसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा।
एंट्री टैक्स पर विवाद बढ़ता देख नगर निगम की तरफ से सफाई भी दी गई है। निगमायुक्त के अनुसार कामर्शियल वाहनों और कैब पर एंट्री टैक्स लगने का असर शहर के लोगों पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह सिर्फ दूसरे राज्यों से आने वाले कामर्शियल वाहनों और कैब पर ही लगाया जाएगा। साथ ही पड़ोसी शहर पंचकूला और मोहाली से आने वाले सभी तरह के वाहनों को भी इसमें छूट दी जाएगी। क्योंकि पंचकूला, मोहाली और चंडीगढ़ के बीच प्रतिदिन लाखों लोग सफर करते हैं।
बता दें कि, नगर निगम ने इससे पहले भी एंट्री टैक्स लगाने की कोशिश की थी। निगम ने साल 2017 में बाहरी राज्यों से चंडीगढ़ में आने वाले कामर्शियल वाहनों और कैब पर एंट्री टैक्स लगाने का प्रस्ताव पास किया था, जिसे बाद में यूटी प्रशासन ने खारिज कर दिया था। उस समय प्रशासन ने निगम के इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि, जीएसटी लागू होने के कारण अलग से एंट्री टैक्स लगाना जायज नहीं है। यह टैक्स जीएसटी के अंतर्गत ही आता है।